अधार दूषण निवारक | Adhar Dushan Nivarak

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Adhar Dushan Nivarak by शेठ अनोपचंद - Sheth Anopachand

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(७) स्तारे ठे व्याधी जोई तेव. प्र. १०. तमारा कदेवा प्रमाणे कर्मना संजोगघी वधु वने ञे त्यारे जीव एकतो कां करी इाकतो न्ध ? ले, जीवनी शक्ति तो अनंती >, पण कर्मने वशरीनूत ठ त्यांसुधी एफल्ती भ्रात्मानी शाक्तिं चलाव दातो नधी.जेमको- 5 मदोटो राजा रोयनेते फेद पमे 2, त्यारे पोतानुं जोर चा- ततं नघी, तेम कर्मना वामां जीव पम्यो ठ, त्यांसुधी भात्मा- नी प्रवृत्ति ्रात्मा जमनी संगत विना करी शकतो লর্জ।, प्र, ११. कर्मना संवधयी प्रवृत्ति करे ठ त्यारे जीवनी श करितो न रदी, त्यारे जीव पदार्थं हा सार मानवो লী? छ. जीव विना जम तो कं पण कर शकवानो नथी.कारण जे जेनामां जम स्वभावे चतन स्वनावनधी ते श करी शके?जेटली जेटली विचार दाक्ति ठे ते चेतननी ठे, जम्मा ए स्वज्ाव नयी, पांचभूत तमे मानो गे ते पण जम 3, तेमां पण विचारशाक्ति नणी. पांचनूत खावानी रसोकमां पश मले ठे, परण तेमां काह जीवशक्ति उत्पन्न धती नथी; मटे पाचभूतनी वात्तमां पण बहु प्रश्न वेते प्रकरण रत्नाकर नाग वीजामां पने १७ मे ना- ्तिकनो संवाद ठ त्यांधी जोवुं. | प्र. १९. तमे कहो गे के जममां चेतनराक्तिज नघ, त्यारे तमे परण बुद्धि वधवाने सरस्वती चूएं खवमावो गे. वी राख- मां पण वज रूषञ्च नाराच संघयण होय तो कपकभ्रेणी मांझी के, व्ली “ प्रश्नोत्तर रत्न चिंतामणि मां पश यात्राना फल- मां सार पुज्ल् फरसवा्थी सारी बुद्धि थाय एम जणाव्युं के. ते जमनी शक्तिथी केम बने वे ? छल. जम छे तेनी शक्ति ज्यांसुधी कर्म सहित जीव के ने कमे करी आत्मानों स्वन्नाव अवराई गयो छठे, ते आवरण करना-




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