कला और साहित्य का परस्पर सम्बन्ध और प्रभाव | Kala Aur Sahitya Ka Paraspar Sambandh Aur Prabhav

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Kala Aur Sahitya Ka Paraspar Sambandh Aur Prabhav by विद्यासागर सिंह - Vidhyasagar Singh

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about विद्यासागर सिंह - Vidhyasagar Singh

Add Infomation AboutVidhyasagar Singh

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
(4) अर्थात एसा कोई ज्ञान नही, कोई शिल्प नही, कोई विद्या नहीं, कोई कला नहीं. यहाँ स्पष्ट रूप से यह दृष्टिगोचर नहीं होता कि भरत मुनि के 'कला' शब्द से ज्ञान, शिल्प ओर विद्या स क्या अलग है। इसकी व्याख्या करते हुए अभिनव गुप्त ने 'कला गीत वाद्यादिका' लिखा है। संभवत: इस आधार पर श्री बलदव उपाध्याय ने भरत के श्लोक के सन्दर्भ में कला को 'गीत' वाद्य, नृत्य आदि का वाचक माना है।' पर शायद भरत का यहाँ केवल संगीत का आशय नही है। अनुमान यही लगता है कि भरत द्वारा प्रयुक्तं 'कला' शब्द यहाँ ललित कला' (116 ^+) के निकट दहै ओौर 'शिल्प' उल्तका ' उपयोगी. है कला ((13€पि] श) के। यहाँ एक प्रश्न ओर उठता दै। भरत के पूर्वं 'कला' शन्द का ललित বলা या इस प्रकार के कौशल के अर्थ में जब प्रयोग नहीं था, तो क्या उनके पूर्वं भारत के लोग इन कलाओं से अफैचित थे, या परिचित थे भी, तो कोई सम्पुर्ण को ठक लेने वाला शब्द (0০৮60 12116) नहीं था? इसके उत्तर म अब तक प्राप्त ज्ञान कं आधार पर यही कहा जा सकता है, कि इस अर्थ में यहाँ का पुराना शब्द “शिल्प था। ब्राह्मणों ओर संहिताओं मे शिल्प शब्द का इस अर्थ में प्रयोग है। मोनियार विलियम्स इसको अपने पुराने अर्थ में 'कला' का पर्यय मानते हैं।! पाणिनि के अष्टाध्यायी, तत्कालीन संस्कृत साहित्य तथा बौद्ध साहित्य के आधार पर लोगों का यही कहना हैं कि उस काल में 'शिल्प' या 'सिप्प' का प्रयोग उपयोगी और ललित कलाओं दोनों ही कलाओं के लिए होता था। श्री वासुदेव शरण अग्रवाल का कहना है- 1. भारतीय साहित्य शास्त्र, ले0-बलदेव उपाध्याय, पृ0-488 2. संस्कृत इगलिश शब्दकोष में 'शिल्प' शब्द।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now