जैन धर्म की रूपरेखा | Jain Dharam Ki Roop Rekha

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Book Image : जैन धर्म की रूपरेखा  - Jain Dharam Ki Roop Rekha

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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“सफेद है वह दूध हो होता है या पीला है वह सोदा ही होता दै तो दस निया में कोई विदाद ही सा न हाता। प्रा ऋतिया में असंलो से नकली हो अधिक होने से हमेशा इस जावन व्यवहारो में सावधानी बेरतनो प्तौ है ) एडिब्यें पर मेड इन यू एस ए छिस्सा हुआ होता है वह पावका हितौ ह5४०९४७१७ इस नामव' गल्ली में लगी हुई फॉवटरी में बना हुआ.हवाता है ९ ~ भनुष्य में भी कहाँ इसका अमाव है ? बेटा “तोतली योली बोलता है तो वहू प्रिय लूगता है पर जब वह जवान दोवर अपनी पत्नी वा गछाम बन जाता है ता महसुम हातो है कि यहू मकसी ही हैं। यही खगी से घोड़ पर बैठकर ब्याह वे आतद में युवक मरन-मस्त रहता हे परु जब चार दिन में ही सल्यक तेने मो उत्ांरू हो जाता है तो वह कया नकर युग सहा दुः ~ ^ ।




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