जैन धर्म की रूपरेखा | Jain Dharam Ki Roop Rekha
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
682 KB
कुल पष्ठ :
92
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)“सफेद है वह दूध हो होता है या पीला है वह सोदा ही
होता दै तो दस निया में कोई विदाद ही सा न हाता।
प्रा ऋतिया में असंलो से नकली हो अधिक होने से
हमेशा इस जावन व्यवहारो में सावधानी बेरतनो प्तौ है )
एडिब्यें पर मेड इन यू एस ए छिस्सा हुआ होता है वह
पावका हितौ ह5४०९४७१७ इस नामव' गल्ली में लगी
हुई फॉवटरी में बना हुआ.हवाता है ९ ~
भनुष्य में भी कहाँ इसका अमाव है ? बेटा “तोतली योली
बोलता है तो वहू प्रिय लूगता है पर जब वह जवान दोवर अपनी
पत्नी वा गछाम बन जाता है ता महसुम हातो है कि यहू
मकसी ही हैं।
यही खगी से घोड़ पर बैठकर ब्याह वे आतद में युवक
मरन-मस्त रहता हे परु जब चार दिन में ही सल्यक तेने मो
उत्ांरू हो जाता है तो वह कया नकर युग सहा दुः ~ ^ ।
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