जैन शिलालेख संग्रह | Jain Shilalek Sangra
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज़ :
13 MB
कुल पृष्ठ :
658
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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जगदेव के जगदेव नमिक
মহন भरत
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पदावली पट्चचली
द्यालपाल दयापा
पुध्पनान्द पुष्पनन्दि(হজ)चौड নাত
विष्णुवर्द्धनद्वारा विष्णुवर्द्धनके मंत्री गंगराज
विष्णुवद्धन नरेश गंगराज मंत्री [द्वारा
पयो पंक्तियों
एरड बढ्े वस्ति एर्डइकट्टे वस्तिमें
श्रा चामुण्डराजं श्रीचासुण्डराज
रामच नृप राचमष्टं तरप
कुटो... ङ्ग कुलोत्तुन्न
पण्डितास्यः पण्डितार्य्यः
ने. ( ३५४ ) न. ४३४ (३५४)
१८० १९८१९५ १९९२१९ (१२५) २१९ ( ११५)२५५ ( ४१३) २५५ ( ४१४)
विजयराञ्यम्य विजयराजय्य
২ € ३८६ ) ४७६ € ३८६ )१० वीं पंक्तिके पश्चात् लेखांक ४९१ छूट गया है ।
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