मानव भोज्य मीमांसा | manav Bhoujya Memansha

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manav Bhoujya Memansha by कल्याण विजय - Kalyan Vijay

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( ३) घनस्पत्थंग मांस घनस्पत्यंगों और प्रास्यंगों की समानता चर्ण के ऊपर से पदार्था के नाम उन शब्दों की अनुक्रमणिका जो प्राशधारी और वनस्पति घाचक् हैं। जैन साहित्य मेँ प्रयुक्त मांस मस्स्यादि शब्द का बास्तनिक ¢ र्थं निशीथाध्ययन नवभोह श में निशीधाध्ययन के भ्यारदर्षे उदेश्य में दश बैकालिक पिरडेपणाध्यायके प्रथमोह श में सूय प्रज्नप्ति सूत्र में नक्षत्र भोजन मार्जार कृत कुक्कुट मांस स्याथा उक्त संस्क्षतादि सूत्रों के अवतरणों का स्पष्टीकरण वेदिक तथा बोद्ध ग्रन्थों में मांस आमिष शब्दों का प्रयोग बोद्ध साहित्य में भिन्नान्न के अर्थ में मांस, आमिष शब्द का प्रयोग देवदत्त क्या चाहता था भोजनाथे में आशिष शब्द का प्रयोग चतुर्थ अध्याय प्रासुक भोजी जेन श्रमस জল भअसण की जीवन-चर्या योग्यता सामायिक चारित्र का प्रतिज्ञा पाठ १३० १३४ १४६ -१४८० १५३ १५ १५६ १५६ १६१ १६४ १८२ २८ ०६. २११ २१५ २२५ २२६ २२६




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