कबीरबचनावली | Kabeer Bachanavali
श्रेणी : काव्य / Poetry, साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
306
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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कितु वे खी छरीर शेप तथ्य फे चेते थै, यह घात
निम्।ित रुप से खीवार नहीं फी जा सस्ती | भीयुत् वेसकद
ने अपने प्र थ में जितने अमाण दिखलाए हैं, ये सब बाहरी दैं।
कबीर साहब फे चचनों अथवा उनके সত্য উ হা प्रमाण
उन्होने पैसा नहीं दिया जे। उनके सिद्धात फे। पुष्ट करे ।
चाहरी श्रमाणों से, पुसे प्रमाण फितने मान्य और विश्वास
मूलका है, यह वतलाना व्यथं दै । फवीर साव कहते हैं--
भक्ती लायर पी लाये पमानद् ।
परगट. करी कवीर मे, साते दीप नी खड ॥
चरासती थग क्ये साखी भक्तिका श्रग।
काशी में हम ध्रगर भये हैं रामानद चेताये।
कचीर शब्दांचली द्वितीय भाग पृष्ठ ६१!
काशी में कीरति सुन आई, फह फ्वीर मे।हि कथा बुकाई।
शुश रामानँंद चरण फ्मल पर धोषिन# दीनी चार ॥
क्यीर कसौटी पृष्ठ ९१
पमीर साहय फे ये ययन ष्टौ पर्य्या, जा यद सिद
करते हैँ कि वे खामी रामानद के शिष्य थे। तथापि में कुछ
चाहरी प्रमाण भी दूगा।
धम्मंदास जी कयीर साहय फे प्रधान शिष्य थे, घे पघीर
पथ की एक शाया के झाचायये भी हैँ, घे पद्दते हैं
` गपाधिनि अर्थद माया
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