सोवियत-न्याय | Soviyat-Nyay
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
272
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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नही' कूता बल्कि मध्यवित्त किसानों के बारे में भी वही गलती
की और समझा कि वे एक स्वतन्त्र शैली का अनुसरण करेंगे।
मैं कठिनाइयों से डर गया और इस प्रकार श्रसिक विरोधी
शक्तियों का समर्थक बस गया।
इसने मुझे सीधे पाटी के आन्तरिक प्रजासताकता के प्रश्न
पर पहुंचा द्विया। लोग उसी वक्त प्रजासत्ताकता के सम्बन्धमे तकं-
লিল करने लगते है जबकि वे सिद्धान्त सम्बन्धी प्रश्नों पर सहमत
नहीं होते | यह् कहने की आवश्यकता नहीं कि जब वे सहमत
हं।ते हैं तब वे पिस्तृत्त प्रजासत्ताकता की जरूरत नहीं महसूस करते 1
विशिन्स्की--सथ्य की यह एक व्याख्या जरूर है; में चाहता हू
पहले उस तथ्य को स्थापित करना । यह १६३०-३१ की
बात है, ओर फिर १६३२ में संयुक्त केन्द्र संगठित किया गया।
शदेक्-..-मैं उस बारे में छुछ नहीं जानता था|
विशिन््स्की--कब तुम्हें संयुक्त केन्द्र के अस्तित्व और कारवां
का पता छ्वगा ?
रादिफू--उनवेः बनने के सम्बन्ध में नवम्बर १६३२ में पता लगा।
विशिन्सकी-किससे ?
रादेक--प्रथमतः ओोत्ककी के फरवरी-मार्च १६६२ में क्षिखे पत्र से
मालूम हुआ कि तैयारियां हो 7ही है| । ज्किन संगठन के
बनजने का पता भुमे नवम्बर् १६१२ में श्रचकोब्स्की से मिला ।
बिशिन्स्की-- शौर फस्वरी) १६२२ में तुमने भोत्स्फी के पत्रसे
जलो कि बर्ग योजना बन गई । क्या यह तुम्हारे लिए न्रोत्स्की
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