केशव और उनका साहित्य | Keshav Aur Unaka Sahity

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Keshav Aur Unaka Sahity by विजयपाल सिंह - Vijaypal Singh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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ऊर्जालंकार রি २१६ रसवदलंकार न २१६ ग्र्थान्तरन्यास রা २२१ व्यति रेक ^ २२३ ग्रपह्व.ति नम २२४ उक्ति ও २२४ वक्रोक्ति রা २२४ ग्न्योक्ति भ २२६ व्यधिकरणोक्ति ` २२६ विशेषोक्ति २२९ सहोक्ति ^ २२६ व्याजस्तुति, व्याजनिन्दा १ २२७ ग्रमित টা २२८ पर्यायोक्ति न २२८ युक्त - २२६ समाहित हे २३० सुसिद्ध, प्रसिद्ध एवं विपरीत कल २३१ रूपक রি २३२ अदभुत रूपक * २३३ विरुद्ध रूपक রী २३४ रूपक-रूपक ৪ २३५ दीपक ^~ २३६ दीपक के भेद नि २३७ प्रहेलिका ' २४१ परिवृत्त ^ २४२ उपमा के २४४ ५, निष्कर्ष ^“ २४६ षष्ठ परिच्छेद केशव को कान्य-कला २४७-३३६ १. केशव की रस-व्यंजना ष २४८ रसराजत्व ५ २४८ भ्युगार का रसराजत्व भ २४८ (भ्र) संयोग-ष्ुगार ९ २४६ (भ्रा) विप्रलम्भ-श्यृंगार ०५ २५२




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