भारतवर्ष के लिए उद्योगपतियों की आर्थिक योजना | Bharatvarsh Ke Liye Udhyogpatiyon Ki Aarthik Yojana

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Bharatvarsh Ke Liye Udhyogpatiyon Ki Aarthik Yojana by अमर नारायण अग्रवाल - Amar Narayan Agrawal

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१२ उद्योगपतियां की श्रार्थिक योजना है विशिष्ट-चिकित्सालय प १६ १२.५ जोड़ २८१ १८५.० रहन-सहन के दजं का पाँचवाँ अ्रग शिक्षा दे। योजना-निर्माताश्रों ने प्रारम्भिक एवं प्रौढ शिक्षा के लिये उचित प्रबध करने की सलाह दी है जिससे कि सब को कम से कम लिखना-पढना आ जाय | प्रौढ़ शिक्षा को लागत ६६ करोड़ रुपये होगी। प्रारम्मिक शिक्षा का अ्रनावत्तक-व्यय ८६ करोड़ रुपये होगा; और आवत्तंक व्यय ८८ करोड़ रुपये जो रहन-सहन के व्यय में सम्मिलित कर लिया गया हे। इस प्रकार इस योजना के अनुसार न्यूनतम रहन-सहन के निम्नलिखित अनिवाय श्रग हैं :--२,६०० कैलोरी देने वाला आहार, ३० गज कपड़ा, १०० वर्ग गज का घर, स्वास्थ्य-रक्षा के साधन और शिक्षा का प्रबध | इनको ग्राप्त करने के लिये हम इस प्रकार व्यय करना पड़ेगा ;-- व्यय की मात्रा (करोड़ रुपयो मे) भोजन की लागत তক २,१०० वस्नो की लागत न २६० घर पर अनावत्तंक व्यय *** २६० स्वाध्थ्य रक्षा पर अनावत्तक व्यय बजे १६० प्रारम्भिक शिक्षा पर अनावत्तेक व्यय *** * ६० जोड़* * * २,६०० हरेक मनुष्य का रहन-सहन इतना ऊँचा रखने के लिये, युद्ध-पूर्व मूल्य के दर पर, ७४ रु० प्रति व व्यय करने पड़ेगे और हरेक की आय कम से कम इतनी अवश्य होनी चाहिये | हमारी वतमान प्रति-व्यक्ति आय (१६३१- ३२ का अनुमान) केवल ६५ रु० है; ओर क्योंकि उस समय से लेकर अब




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