प्रेम की पराकाष्ठा | Prem Ki Parakastha

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Book Image : प्रेम की पराकाष्ठा  - Prem Ki Parakastha

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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্ ९ । को यह कहते हुए दिया “रावं, यह तो ठीक नहीं हुआ।” 'पछुआ की रानी” यद्यपि देर हो जाने के कारण स्वीकृत नहीं हुईं पर इसमें संदेह नहीं कि यह कवि की अपूर्व कृति है। सर्च सम्मति से भी यह इस समय सवोत्तम वियोगान्त नाटक समझा जाता है । सत्यजीवन वम




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