प्रेम की पराकाष्ठा | Prem Ki Parakastha
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
47 MB
कुल पष्ठ :
247
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about सत्यजीवन वर्म्मा - Satyajeevan Varmma
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)্
९ ।
को यह कहते हुए दिया “रावं, यह तो ठीक नहीं हुआ।”
'पछुआ की रानी” यद्यपि देर हो जाने के कारण स्वीकृत नहीं
हुईं पर इसमें संदेह नहीं कि यह कवि की अपूर्व कृति है। सर्च
सम्मति से भी यह इस समय सवोत्तम वियोगान्त नाटक समझा
जाता है ।
सत्यजीवन वम
User Reviews
No Reviews | Add Yours...