पशु पालन पोषण | Pashu Palan Poshan

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Pashu Palan Poshan by पी० के० भार्गव - P. K. Bhargav

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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টি ০১৯ াঁ (হা प्रं १--पहिला नक्रि पहला १- पांचवीं लाहुन हर एक नकि हरेक; जहां भी यह पा উঠি शाञ्द आवे उसे हर एक पटिये। ` ¢ , २५ सातवीं लाइन बदरी नकि बढ़ौती | . ३४--दसरे पहिरे की आखरी लाइन में ( नाल को साफ चाहिए और फिर एक साफ़ चाकू या कैचीसे काटना चाहिए और उसके बाद टदिंचर आइंडीन . ज्वगाकर छोड़ देना चाहिए । १-ओऔर ४६ आखरी लाइन में १३ से * पढ़िये नकि २१से३। जगह मक्खन निकला हुआ दूध पढ़िये | [১9100 2, | 4 १६४--पर 1.8५ 2५} पिये तकि 1.90 80५. = ० १७८-- पर्‌ 076 वैपक्मणला8 पद्ये नक्रि 7८110 রি টু प রঃ | দি ५ (८पप--पर 7ए ?७(०१8०॥ पढ़िये नकि 927801 ए का ॥ ( # . ३०--दसवीं लाइन से एक दो दिन नकि एक आध दिनि । ০ करके एक साफ़ सुथरे डोरे से कस कर बाँव देना ध धज-चौथी लाइनें ऋतु की जगह प्रजनन पद्ये! ` খাঁন की जगह ভান पढ़िये | मखनिया দ্র की | | ५ 1 , (४४-पर 068४8007 एश7+०व ন্তিত লক্ষি 098696190. 2




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