ऋग्वेद के बनाने वाले ऋषियों की नामावली | Rigved ke Banane wale Rishiyon ki Naamavali

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Rigved ke Banane wale Rishiyon ki Naamavali by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( ७ ) दीदेथ कण्वे त्रदूतजातः उक्षितः यम्‌ नम स्यन्ति कृष्टयः अथ- है अनादि अग्नि महुने तुभकों मनुष्योंके वास्तें प्रकाश स्थापित किया है ह यज्ञफे समय उत्पन्न होने वाली अप्नि तू कण्वके चास्ते दहकती हैँ जिसको संव जन नमस्कार करत हैं । मे १ स्‌ ३९ ऋचा ७-गन्तनूनम्‌ नः अवसा यथा पुरा इत्था कण्वाय विम्युषे। छथ-आओ दमारे पास सहायताफे वास्ते जेसे पहले आते थे. यहां भयभीत फण्वके वास्ते | मं १ सू ३९ ऋचा ९-असामिहि प्रय- ज्यवः कण्वमदद्‌ प्रचेतसः অধ श्षानचान पूजने योग्य तुमे फण््र को अखंडित सुखदिया । इस भकार तो कण्व फा वर्णेन शटवेदफे उन सूक्तं শব दिखाया जिसका ऋषि कण्व है अब हम उन सृक्तोंमं दिखाते ह जिनके अपि कण्वको सन्तान हैं| ( १ ) मेधातियि कण्व का बेटा इस प्रकार लिखता है । १ स्‌ १४७ ऋचा २-आ त्वा कण्वाः अहूषत ग्रणन्ति विप्रते धियः देवेभि अग्ने आगाह | अर्थ-कण्वफी सन्तान पुमको पुकारती दँ विभ्रतेरी स्वति गाते हैं। हे अभि देवों के साथ ञआ। म १ स्‌ १४ ऋचा ९-दैरतेलाम्‌ अ-




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