सदाचार रक्षा भाग - 1 | Sadachar Raksha Bhag - 1

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Sadachar Raksha Bhag - 1 by सेठ जवाहरलाल जैन - Seth Javaharlal Jain

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(९) श्रागे क्‍या. ठिकाता है ? हिरास न हजिये, उन खोदी पृथाश्रों की पोल .खोल सुनाता हूँ कि.जिन के द्वारा व्यभिचार उन्नति के शिखर पर पहुँचता जाता है। यदि साहस है ओर .मन्नुष्य कहलाना चाहते हो तो शीघ्र. ही रोकिये अन्येथा महा भयंकर दशां का सामना करते हुवे इस विषय में शीघ्र ही पशुवत्‌ प्रथा प्रारम्भ होजावेगी । इस वास्ते लेखफ का सवं पतावलम्बियों से निवेदन रै कि देश मे षद हुये ग्यभिन्रार का मूलोच्छेदन करते हुवे शीश व्रत ( ब्रचह्मय ) का प्रचार करो, जिससे सर्वेसुधार होते हुए अन्त में मोक्ष पद की प्राप्ति हो । गर्भ में कुशिक्षा ' यह विषय बड़ा गंभीर है। इस समय हमारे देश में कोई इस पर विचार नहीं करता परन्तु पूर्वकाल में इस पर बड़ा भारी विचार किया जाता था । जितत प्रकार पेड़ की जङ्‌ मे कीड़ा लगने से हजार यन करने पर भी फिर हत्त भफुन्लित नीं होता उसी. भकार गभं में वालक को कुशिक्षा मिलने से कभी संतान सभ्य नहीं वनसकती।




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