जैन धर्मामृत | Jain Dharmamart
श्रेणी : जैन धर्म / Jain Dharm
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लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
880 KB
कुल पष्ठ :
78
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१५
१--द्रन्यलिगी ( आल ज्ञान रहित )
२०-भावलिंगी ( आत्मन्नानी )
२-स्थभाव---
१---सरलऊ स्वसाव ( त्रियायथ की एकता )
२-कुरिख स्वमाव ( त्रियाग की विपरीतता )
२-- कषाय-.-
१--मन्द £ थाडी )
२--तीत्र ( अधिक )
२ -मे।दनीय--- ेु
१-- दर्शन भाइनीय ( दर्शन गुण का घाते )
२---वारित्र मेहनीय ( चारित्र गुण के घाते )
२--नाम ऋषभनाथ---
१---#घमनाथ
२---आदिनाथ ( कैंशरिया भगवान )
२-- नाय पुष्पद् त-
९---पुष्पद तनाथ
२- विधिना
२-- मन --
१--्रव्य सन { शरीरं रुप )
२--भाव मन (आत्मा रुप )
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