अल -कुरान | Al-kuran
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
19.97 MB
कुल पष्ठ :
442
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पास १. (रू घकृर २. *
स० १०--(७७) झोर जप हमने इसराएल सन्तान से थाचा बांधी कि तुम
इश्बर को चोड़ किसी की सेवा मत कीजियो माता पिता झौर समीपी नातेदारों से
मोर भनाधों झोर कट्टालों से भजाईं फीजियों श्र लोगों से झच्छी वाप्तो की जियो
नियमाजुसार प्राथना कीजियों दान देते रदियो परन्तु कुछ लोगों को छोड़ तुममें
से सब फिर गये और तुमतों फिर जाने द्ारही हो। (७८) फिर जय दमने
सुमसे चाचा बांधी कि तुम * परस्पर लोट्ट मत वददाइयां भर सपने लोगों को
झपनी बस्ती से न निकालियों झोर तुमने इसको अदण किया तुम भापही साची
हो । (७९) सो तुमद्दी घद्द दो जो 1 भपने सोगों को घात करते हैं ोर मपने
पक जत्या को उनके घरोंसे निफाल देते दें उनपर कठोरता शोर नीति से
एक दूसरे के सददायक होते हैं फिर यदि वहीं बेंघुवा ोफर तुम्दारे तीर भाते हैं
तो चद्जा देके दो यधपि उनका निकाल देनाद्दी घर्जित था क्या तुम
पुस्तक के एक भाग पर विश्वास रखते दो मोर पकको नकारते दो सो जो मनुष्य
सुममें ऐसा करें उसका दण्ड यद्दी दे कि संसार में दो मोर पुनरुत्यान के
दिन मति क्लेरा में पढ़े इंश्वर तुम्दारे कर्म्मो से भ्रचेत नदी । (८०) यद्दी लोग हैँ
जिन्हीं ने झन्त के जीवन की सन्ती संसार के जीवन को मोल लिया सो इनके
झेगम न घटी की जायगी न उनकों बाद से सद्दायता मिलेगी ॥
' स० ११--(८१) झोर दमने मुसा को पुस्तक दी भौर उसके पीछे लगातार
प्रेरित भेजे झोर इसने मरियम के पुत्र इंसा को प्रत्यक्ष चिह्न दिए घोर पविन्न पं:
झात्मा से उसकी सद्दायता की-फ्या जब तुस्दारें निकट कोई प्रेरित ऐसी, झाशा
वाया जिसको तुम्दारा जी नददीं चाइता था तुमने सामना किया सो पक जत्याकों
मिध्या उद्दराया पक को मार डालते रहे। (८२) कद्दते हैं कि इमारे हृदय
दँके हुए हैं इंश्वर ने उनके मघन्मे के कारण उन्हें श्राप दिया इस कारण उनमें
से थाड़ चिश्वास लाते हैं। (८३) भार जब उनके सीर एक पुस्तक इंश्वर की
झोरसे झा जा उसको सध्या ठददराती हैं जो उनके तीर हे झोर इससे पदिले
झरघधारमियों पर जय चाइते थे परन्तु जब उनके,निकट चद्द ग चस्तु आई जिसको
कान नाग
* अपने नतिदारो गे 1... 1 भरवी और यहूदी गोष्टियें के परस्पर गेरमाव की ओर सूचना है।,
जान पढ़ता है कि महम्मद साहम ने जानवूम कर पवित्र आत्गा की ईश्वरताई को किया
गौर सको जिनराईन दूत बतलाया यदि सूरए इसराईन ८७ को देखें तो वहां आत्मा को परम के नाम से
नतलाया दे इस श्रापत को राजाओं को पहिठी पुस्तक २९ ४ ११ से मिलाओ | $ अर्थाद खतना नहीं इसा ।
के जान पढ़ता है कि वस्तु का अभिपाथ छीष्ट है क्योंकि यहूदी उसकी बाट जोहते थे, हागो २४ में
अनिदो जीप्ट का घर्चा हैं यदापि महस्मदी उसको गहम्मद साहब की और लगाते हैं. ४४ ६ ॥
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