श्री कृष्ण चरणामृत | Shri Krishna Charanamrit
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
55 MB
कुल पष्ठ :
1028
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)दिषय पृष्ठ संख्या
(१७) पुरुरवा के ज्येष्ठ पुत्र आयु के पुत्रों का वंश वर्णन । ४६
(१८) राजा नहुष के पुत्र ययाति चरित वर्णन । ९७
(৭৭) ययाति के द्वारा शोक व गृह त्याग वर्णन । ५२
(२०) पृरूवंश वर्णेन, दुष्यत তল चरित वर्णन । ५३
(२१) भरतवंश मे रन्ति देव चरित वर्णन। ५६
(२२) दिवोदासं व॑श वर्णन, ऋक्ष वंशे पांडवो की उत्पत्ति वर्णन | ५८
(२३) अनु, दरद, रुर्वसु, यदुवंश वर्णन । ६३
(२४) विदर्भ के तीन पुत्रौ का जन्म, रामकृष्ण तक अनेक वंश वर्णन ६६
अथ दशम स्कन्ध (पूवर)
(१) कंस का प्रजामें प्रकोप, सभी दैवत्ताओं एवं पृथ्वी द्वारा क्षीर सायर २
पर जाकर प्रभु की स्तुति, आकाश वाणी द्वारा देवकी के पुत्र से
अपना मरण सुनकर कंस का देवकी वध करने को उद्यत,
वसुदेव द्वारा प्रार्थना, देवकी के छः पुत्रों का चध वर्णन।
(२) भगवान का देवकी के गर्भ में स्थापित होना , ब्रह्मादिक कृत गर्भ स्तुति वर्णन ।
८
` (३) श्रीकृष्ण प्रादुर्भाव, सुदेव देवकी द्रारा भगवत्स्तुति, भगवान के आदैश १०
से कंस के भय से वसुदेव का अपने पुत्र को गोकुल ले जाना व
यशोदा की पुत्री को मथुरा लाना।
४) केस द्वारा बालक वधादिक वर्णन निशाचरे दारा ऋषि मूनिद्विजिगौ को मारना) १५
এ) गोकुल मे नन्द के घर पुत्रोत्सव वर्णन, नन्द का मथुरा में १६
वसुदेव से मिलने जाना, नंद वसुदेव संवाद।
(६) पूतना वध। १९
(७) शकटासुर वध, तृणावर्व वध, यशोदा कौ श्रीकृष्ण द्वारा २१
जंभाई से मुख में यशोदा को आकाशादि दर्शन ।
(८) गर्ग मुनि आगमन, श्रीकृष्ण का जातकर्म, नामकरण संस्कार, श्री कृष्ण २४
का भिट्टी खाने के बहाने से मुख में माता यशोदा को विश्वरूप दर्शन |
(९) श्रीकृष्ण को यशोदा द्वार उलूखल से बांधना | ३०
(৭০) यमुलार्जुन उद्धार, नल कूबर मणिग्रीव कृत श्री कृष्ण स्तुति । ३२
(११) गोपी का गोकुल छोडकर वृन्दावन जाना, वहाँ श्रीकृष्ण द्वारा वत्सासुर ३४
एवं बकासुर वध वर्णन
(१२) अघासुर वध वर्णन। ३८
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