मेरी असफलताएँ | Meri Asafaltayen
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
37 MB
कुल पष्ठ :
220
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)মাহা ला
मेरी प्रारम्भिक शिक्त
यद्यपि उन दिनों प्रारम्भिक शिज्ञा की अनिवाय बनाने का
या निरक्षरता-निवारण का कोई आनन््दोल्लन नहीं चल्न रहा था
तब भी में घर बेठकर मौज न उड़ा सका । पढ़े-लिखे घरों में तो
शायद विद्यारम्भ-संस्कार उतना ही जरूरी है जितना कि विवाह,
शायद उससे भी ज्यादह क्योंकि विवाह का बन्धन कुछ दिन टल्
भी जाता है लेकिन शिक्षालय का जेलखाना तो बच्चे के खेलने
खाने के दिनों में ही तय्यार कर दिया जाता ই। विद्यानिधि
भगवान रामचन्द्र पीर कल्लानिधि भगवान कृष्ण को भी गुरु-
ग्रह जा कर विद्याओं और कल्लाओं के अध्ययन की खानापूरी
करनी पड़ी थी । यदि आपको विश्वास न हो ता बाबा तुलसी-
दास जी का प्रमाण दे सकता हूँ | “(रु गृह पढ़न गये रघुराड?
अगर आप बहुत ऋाड़ा करेंगे तो श्रीमद्भागवत् का भी प्रमाण दे
दूँ गा। क्रष्ण भगवान् ने चीो पठ दिनों में कल्ाएँ सीखी थी । सान्दी
पन मुनि कानाम तो उनके शिष्यत्तव के कारण ही अमर हुआ |
मेरे पिता सरकारी नौकर थे। उदू से खन्द हष नथा।
इतना ही नहीं, वे उसझा पढ़ना जरूरी समभते थे क्योंकि उन
दिनों बिना उदू ज्ञान के पास-पोट के सरकारी नौकरी के क्षेत्र
৪)
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