काल के पंख | Kaal Ke Pankh
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
16 MB
कुल पष्ठ :
271
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१२ कालके पंख
उनमेंसे प्रथम तीनका में एक मीठी, मदभरी यूनानी कहानी सुनारऊँगी--
जिसे सुनकर वे खानापीना तक भूल जायेंगी !” और यह कहकर वह
खिलखिलाकर पट्टरानीके माथेको चूमती हुईं आगे बढ़ गई ।
कुछ विस्मित-सी, हेलेनके द्वारा कहे हुंए बचनोंका उल्था सुनती
हुई पद्दरानी पीछे रह गई | अनेक रानियाँ उस स्वच्छुन्द वनकी चिड़ियाके
साथ-साथ लग गईं और अपलक नेत्रोंस उसके उस द्विगुणित सौदयको
निहारने लगीं, जो उसके हाससे और भी अधिक तीत्र और चंचलतासे
और भी अधिक मुखर हो रहा था । उनमें जो छोटी आयुकी थीं उन्हें लगा
मानो राजमहलके रीति-रिवाजके बोभसे दबे उनके अंतरसे ही कोई अगड़ाई
लेकर उठा है और हेलेनके रूपमें प्रकट हुआ है | जो बड़ी आयुकी थीं,
वे उसके प्रत्येक हावभावको उत्सुकता, आश्चय और उद्देगके साथ निरख
रही थीं। राजमहलके मुखद्वार पर जब अनेक रानियोंने दासियोकरे
हाथोंसे आरतीके थाल लेकर हेलेनकी आरती उतारनी आरम्म की,
तो वह आश्चयं ओर बच्चो-जैसी सरल्ताके साथ होठोका गोल किये
नेको विस्फारित किये उन्हें देखती रही। उसने गैलेशियासे पूछा :
“क्या है यह १”
गेलेशियाने डीडोकी ओर देखा। उसने आगे बढ़कर बताया:
“ये रानियों इन दीपोंसे आपके भविष्यका पथ उज्ज्वल कर रही हैं,
रानी हेलेन ।””
“ओह !” हेलेनने असीम आश्चयका भाव प्रकट करते हुए हास्यपूर्ण
स्व॒रमें कहा, “में समझी थी कि ये सब मिलकर मुझे डरा रही हैं |”
डीडोसे पद्रानीने हेलेनकी बात सुनी ओर उन्हें पहली बार हेलेनकी
बात बुरी लगी। हास्यकी भी एक सीमा होती दै । नई आई विवाहिताको
तो थोड़ी-बहुत लज्जा चाहिए, और यदि विदेशी रमणियोंमें यह न भी होती
हो, तो पवित्र प्रथाओंका सम्मान तो करना ही चाहिए,। मगर हेलेन अब
तक दूसरे काममें उल्क चुकी थी |
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