महिला ग्राम प्रधानों की स्थिति और पंचायतों में भूमिका का अध्ययन | Mahilla Gram Pradhano Ki Esthiti Aur Panchayato Me Bhumika Ka Adhyayn
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
80 MB
कुल पष्ठ :
227
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand): ` सुशीला कौशिक (1993) ने महिला एवं पंचायत राज एक अध्ययन प्रस्तुत किया
.. है। 73वें संविधान संशोधन के पश्चात एक तिहाई स्थानों के महिलाओं हेतु आरक्षण के
संविधिक प्रावधान. के पश्चात यह विश्लेषणात्मक अध्ययन विषय के लिए एक महत्वपूर्ण `
` आगत है। इस अध्ययन मेँ स्थानीय स्वशासन हेतु महिलाओं की शिक्षा एवं प्रशिक्षण की
` महत्ता पर विशेष बल दिया गया है।
बी०एस0 खन्ना (1994) ने भारत में पंचायत राज व्यवस्था का राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में...
गहराई से अध्ययन किया है| साथ ही इस अध्ययन में भारत के दस प्रमुख राज्यों में
पंचायतों की कार्य प्रणाली को प्रस्तुत किया गया है। इस अध्ययन में पंचायत राज
व्यवस्था की उपलब्धियों, कर्मियों एवं संभावनाओं को सुस्पष्ट ढंग से रेखांकित किया
. गया है.
प्रेमलता पुजारी एवं विजय कुमार कौशिक (1994) ने भारत में महिलाओं की
शक्ति विषय पर-तीन जिल्दों में एक अध्ययन संपादित किया है। यह अध्ययन महिलाओं
के विकास से संम्बधित विविध विषयों पर लिखे गए निबंध, शोध पत्र, उद्धरण के संकलन
पर आधारित है| प्रथम भाग मे लोकतन्त्र से विकास के संदर्भ मे भारतीय महिलाओं की .'
स्थिति से सम्बंधित विषय समाहित किए गये हैं। द्वितीय भाग मेँ महिलाओं के विकास
हेतु संस्थागत व्यवस्था के विषय सम्मिलित किए हैँ | तृतीय भाग मे महिलाओं के विकास
हेतु कार्य एवं .अधोसंरचना जेसे महत्वपूर्णं विषय हैँ । यह सम्पादित कार्य महिलाओं की `
वर्तमान स्थिति को स्पष्ट करताहे। ~ `
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` शकृन्तला शर्मा (994) ने अपनी पुस्तक मे स्थानीय राजनीति एवं पंचायत राज
का वृहद् विवेचन प्रस्तुत किया है । इस्र पुस्तक में पंचायत राज व्यवस्था के विकास के
साथ पंचायत नेतृत्व का पंचायत चुनाव एवं मतदान व्यवहार के सन्दर्भ मे विश्लेषण किया
. गया है जिसमें जाति, वर्ग एवं शक्ति जैसे कारको की भूमिका को स्पष्ट किया गया है ।
| ग्रामीण नेतृत्व की रूपरेखा के साथ ग्रामीण शक्ति संरचना का विवरण विशेष महत्व
। साथ अध्ययन मेँ समाहित कियागयाहै। ` ` ८
ध ५६ “ ध, ৪৪: ৯ क ^ . ^ ^ +
५
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