सोवियत समाज का इतिहास | Soviet Samaj Ka Itihas
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
14.12 MB
कुल पष्ठ :
487
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पीछे क्रांतिकारी सैनिक श्रौर नाविक थे श्रौर उन्हें मजदूरों के लाल गाई
का सशस्त्र समर्थन प्राप्त था , जिसका संगठन फ़रवरी , १९१७ के तनाव
के दिनों में किया गया था |
पेन्नोग्राद में १४ माच॑ को मजदूरों श्रौर संनिकों के प्रतिनिधियों की
सोवियतों की पहली संयुक्त वेठक में सैनिक प्रतिनिधियों ने सामूहिक रूप में
सैनिक गैरिज़न के लिए एक क्रान्तिकारी श्राजनप्ति तैयार की । यह दस्तावेज
आदेश नंबर १ के नाम से प्रसिद्ध है। इसमें कहा गया कि सभी राजनीतिक
कार्रवाइयों में हर सैनिक दस्ता सोवियत तथा उसकी समित्ति के श्रघीन
है श्रौर यह कि सारे हथियार कम्पनी तथा वटालियन समित्तियों के हवाले
कर दिये जायें प्र उन्हीं के नियंत्रण में रहें ।
इस प्रकार सोवियतों की घड़ी प्रतिप्ठा थी श्रौर उनके हाथ में विशाल
और कारगर ताक़त गयी थी । वे मजदूरों और किसानों के क्रांतिकारी
अधिनायकत्व का साधन थीं ।
परंतु राज्य सत्ता सोवियतों के हाथ में नहीं थी । देश में एक श्ौर
सरकारी सत्ता स्थापित कर ली गयी थी शभ्रौर वह विद्यमान श्रौर क्रियाणील
थी। वह थी अस्थायी सरकार , जिसके शझ्रनेक स्थानीय निकाय थे। इसकी
स्थापना इस प्रकार हुई थी। ज़ारशाही रूस में संसद की तरह की एक
संस्था , राजकीय दमा के नाम से , १९६०६ से चली आरा रही थी श्रौर
उसको कुछ सीमित अधिकार प्राप्त थे। चौथी राज्य दूमा का चुनाव
१९१२ में हुमा था , जिसमें अधिकतर दक्षिणपंथी पार्टियों के प्रतिनिधि
ये। १९१ में उसके पांच कम्पुनिस्ट सदस्यों को गिरफ्तार करके साइवेरिया
निर्वासित किया गया था। जब फ़रवरी क्रांति हुई, तो दमा के सदस्यों
ने पहले एक झ्रस्थावी समिति क्वायम की श्रौर फिर (१४ मा को )
एक बड़े जमोंदार राजा ल्वोव के नेतृत्व में एक श्रस्थायी सरकार की
पर दल्षिणपंथी पूंजीवादी पार्टियों के
गुचकोव , कोनोवालोव श्र
सरकार दरग्रसल पूंजीवादी वर्ग का
अधिनावकत्व॒ थी । नतीजा यह हुमा कि देश में दो सत्ताएं, दो
अधिनायकत्व साथ-साथ क्रायम और क्रियाणील हो
इतिहास की सभी च्लंतियों में जहां कुछ चातें
स्थापना की । सभी महत्वपूर्ण पदों
प्रतिनिधि नियुक्त किये गये। इनमें
जैसे बड़े पूंजीपति थे। श्रस्वायी
गये 1
समान होती हैं , वहां
समय ; स्थान तथा प्रत्येक देन के ऐतिहासिक विकास के कारण उनकी
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