हिंदी वाक्य विन्यास | Hindi Vakay Vinyas
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
446
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)২11
स्वि मापा মা है लिगमे ध्यव भायाके समातं नी वार्य परस्पर सम्बद्ध
কী ই हमारे साचनवा और यात्तीलापवा माध्यण चागप ही है |
इग मध्यधम भाषा विपयक विवेचनमे बई प्रवारवे मत मितते हैं। याग्वा
जमिनी कौर कय भाषाविदांरी रदनाओम परम्पर पिराधी मत पाएं जाते हैं।
एवं मत यह है जि प्रत्यव वणमें निश्चित अथ होता है और शब्ठ वर्णोवा হাম
होवा रशन पवक वय बर्णारे मधातपर आधारित रहता है। दूसरे भतापुसार
शद या पदोवा अथ पृथक् पृषत' हांता है और ये स्वत इवाइयां हैं जिनवे'
सयोगस वाक्यदी रचना हाती है। इस मायतावे आधारपर शब्दावों परस्पर
स्वतात्न और स्वत महत्त्वपूण बर्गोम विभाजित कर दिया गया। एक अय मत
है. वि शब्टवा कोई निश्चय अथ नही होता । शम्ट केवल अपनी निषेघात्मक और
प्रतोवात्मद' शक्तियावे' द्वारा काय बरते हैं॥ वाणीवी इकाई वायय ही हा सकती
है वयावि' कपल अयवत्ता माश्रमे ही वाणीवी इकाई सिद्ध नहीं वी जा सकती ।
इस प्रकार वण, शम्द और वावय तीना ही बाणीकोी इकाई सिद्ध विए जाते रहे 1
इस सल्मम भत हरिके आठ वादोंवे विश्लेषणसे यह स्पष्ट हो जाता है वि यद्यपि
वाक्य श्स॒घात्तसे वनता रै, शर्व्दोको स्वत सत्ता नहीं है भपिनु वाक्य शब्द
समूदसे उत्पन्न ए्रात्मक भर समग्र प्रतीति टै ) वा्ेयान्तगत प्रयुक्त होनेवाते
पदे स्यत प्र अर्थात्मकं महत्त्व रोपर भो एव दूसरे पिना जधूरे प्रतीत होन ६
अभिप्रक्तिवी 1 काक्षा जितने पदोसे निवत टो जाए उसोका नाम वाकयं है 1
वादय হন अविभाज्य अक्षम् नौर अपद छवा टै जिरम भमि यूरिया और
चाह कपल एक दूमरेके उपकारकं र तेषा वाक्य णव उपचीयमान जयता द्योतक
ই শল ओर शन्दसमूर पैव वाह्य जवार ४ । वाणीवा ज-म भौर ग्रहण युद्धि
की ्रिपयगतं एकाग्रतामे रीता है। अत जो दुदधिगत एता प्रन वर रपे वटी
वार्य दै। भतु.टिदे -तिस्क्त कुछ अय भरीय मनौपियोको वारणा भी
डरा भत्तकी पुष्टि बरती हैं। जमिती (मीमासा) विश्वनाथ (साहित्यदपण)
रदट (वाव्यातवार) कंशयमिश्र (त्त्भाषा) जौर पतजलि (महाभाप्य)
পল শিস সপি্লিশিস্সীছ
3. नाद व >यद्वाइम्बहल 2০৪০ 6৪
মং 10455 25 1015 জা जराएलर विवड्ञण8९ 1 110 090 500151055 হোডে
1050 8085685100৩ 35 ॥ ২1119ম1210 9৫০৩1
ইত 06 দাত হযা15৩ (05507115005 15 ও. 5৫19 পাতা 0.15080726
পি 060৩ 11075 00 ৩০ 00067 ৯010005 50101055 ৩ 15507 09
8০580 50705250 প্র টি হাঃ 5050562
User Reviews
No Reviews | Add Yours...