रामभक्ति साहित्य में मधुर उपासना | Rambhakti Sahitya Men Madhur Upasana
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
473
श्रेणी :
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No Information available about भुवनेश्वरनाथ मिश्र (माधव) - Bhuvaneshvarnath Mishra (Madhav)
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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शुन्यता और करुणा, प्रज्ञा और उपाय, अवबूतिका; युगनद्धतत्त्व; शून्यता ओर कर्णा;
्वमरम' का वस्तविक्र अर्थ, सुखावती ; सहज विलास कौ स्विति! £
(ख) सिद्ध-सम्धदाय और रसेश्वर-दर्शन सें सधुर भाव
रसायन; सूर्य-चद्ध सिद्धान्त, गौता का मत्त, बृहज्जावालोपनिपद् में सूर्येचद्र तत्त्व;
शिव-शक्तित सामरस्य; अमृतरभपान, खेचरी मुद्रा, सूर्यचन्द्र--स्त्री-पुदष भाव; नाथ सिद्ध
और बौद्ध सिद्धाचार्य; सिद्ध देह-दिव्य देह, वेदव ইরাক বহু
(ग) कापालिक, नाथ तवा संत-साधता सें सघुर भाव
सहज कौ परम्परा; सहजः का स्वेमान्य अथं; पिण्ड ही ब्रह्माण्ड है, कौलमत में
सहे साघना; वौद्ध तिद्ध जौर कौलाचार, कुल ओर अकल; शिवंदावति अविच्छेच, योग ओौर
मोक्ष, जीव कं पानि बन्धन; कुण्डलिनी योगर को साधना, चक्र-मेदन कौ प्रक्रिया; पञुभाव,
वौरभाव, दिव्यभाव, सात प्रकार कं आचार, कापालिकं मत मे सहज साधना; वैखयान मे
और कापालिक मत में महजानेंद या महासुख, वौद्धमत में सहज साधना का प्रवेश; कामोपमोग
का साधना-सेत्र में प्रवेश। ललना-रसना-अवधूती; उप्णीप-कमल; सहजानन्द; सहज साधनाओं
का मूल अर्थ; श्रो सुन्दरौ साधना; कवीर का “सहज ; भक्त ओर पतिब्रता सतो; दादू की मधुर
साधना; नीलाम्बरमम्प्रदाय 1
(घ) वैष्णव सहुजिया
ब्रेम की परकीया रति, आनन्द भैरव में सहज-साधता का उल्लेख; परकीयारति
मे सहज उपासना; रम ओर रति मदन मौर मादन, ब्रहम, परमात्मा, भगवान्, सत् चित्
आनन्द, सिनी, संवित्, ल्वादिनो ; भोक्ता भोग्या, लोला के तीन प्रकार; बन वृन्दावन, मन-
वृन्दावन, नित्य वृन्दावन, स्वरूप लीला और रूपलीचा; सहज, आरोप-साधमा; आरोप-
तत्त्व; रति और रस; रति के तीन भेद समर्था, समञ्जसा, साधारणी; प्रेम-सिद्धि; साधक
की तोन कोटियाँ--प्रवत्तं, साधक, सिद्ध, प्रेम साधना कौ आनन्दमयी स्थिति)
(पृ० सं० ३८-७७)
चोया अध्याय
सिद्धदेह और लीला-प्रवेश
सयानुगाभवित में प्रवेशधिकार, लौलाविलास का आस्वादन; मावभकित; प्रेंमाभकित;
प्रेम ही परम पुएपार्थ; सखी भाव में प्रबंध; संत्रंव-भाव; वयस; नाम; रूपए वाल; सेवाए
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