सुत्तपिटक का दीघ - निकाय | Suttpitaka ka Dirgh - Nikay
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
19.31 MB
कुल पष्ठ :
378
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पुष्ठ रढ- रे चकवति सीहनाद-सु्त २२३ १--स्वावलम्बी बनो २३३ २--मनुष्य क्रमदा अवनतिकी ओर २३३ १ चक्रवत्तिब्रत रे २ ब्रतके त्यागसे लोगोमें असन्तोष और निेनता र३५ ३ निर्धनता सभी पापोकी जननी २३५ ४ पापोसे आयु और व्णका ड्ास २३६ ५ पशुवत् व्यवहार और नरसहार र३७ दे--मनुष्य क्रमश उन्नतिकी ओर... २३८ १ पुण्य क्र्मसे आयु और वर्णेकी वृद्धि २३८ २ मैत्रेय बुद्का जन्म र३८ --भिक्षुओ के कतंव्य २३९ २७- ४ घ्ररगव्य-सुत्त २४० १--वणंव्यवस्थाका खडन र्ढ० २-मनुष्य जाति की प्रगति रण१ १ प्रलय के बाद सृष्टि र्ष१ ९ सत्त्वों स्लमनुष्यो का आरम्भमिक आहार रष्र ३ स्त्री पुरुषका भेद रद ४ वैयक्तिकसम्पत्तिका आरंभ २४३ ३--वचारो वर्णोका निर्माण री १ राजा क्षत्रिय की उत्पत्ति २४४ २ ब्राह्मणकी उत्पत्ति री ३ वैद्यकी उत्पत्ति रण्५ ४ शूद्रकी उत्पत्ति रण ५ श्रमणकी उत्पत्ति रष्५ ४--जन्म नहीं कर्म प्रधान है र४५ २८-१४ सम्पसादनिय-सुत्त २9६ १--परम ज्ञानमें बुद्ध तीन कालमें अनुपम २४६ २-बुद्कके उपदेशोकी विद्षेषताये २४७ ३--बुद्धमे अभिमान शून्यता २५१ २९- ४ पासादिक-सुत्त १--तीर्थकर महावीरके मरने पर अनु- यायियो मे विवाद २--विवाद के कक्षण १ अयोग्य गुरु २ अयोग्य धर्म ३--अयोग्य गुरु और धर्म १ अधन्य शिष्य २ धन्य दिष्य ३ गुरु की शोचनीय मृत्यु ४ गुरु की अशोचनीय मृत्यु ५ अपूर्ण सन्यास ६ पूर्ण सन्यास ४--वुद्धके उपदिष्ट घर्मे ५--बुद्ध वचनकी कसौटी ६--वुद्धघर्मचित्तकी शुद्धिके लिये ७--अअनुचित और उचित आराम पसन्दी १ अनुचित २ उचित ३ उचितका फल ८--भिक्षु धमंपर आरूढ ९--बुद्कालवादी यथाथेंवादी १ कालवादी २ यथार्थवादी १०--अव्याकृत और व्याकृत वाते १ अव्याकृत २ व्याकृत ११-पुर्वान्त और अपरान्त दर्शन १ पूर्वान्त देन २ अपरान्त दर्शन १२--स्मृति प्रस्थान ३०- ७ लक्खण-सुत्त १--बत्तीस महापुरुपलक्षण २--किस कमेंविपाकसे कौन लक्षण १ कायिक संदाचार पृष्ठ २१५१९ र५र९ २५३ २५३ २५३ २५३ २५३ २५३ २५३ र५४ रेप रुप २५५ २५५ २५६ रे५६ र५६ र५६ २५७ २५७ २५७ २५८ २५८ २५८ २५८ २५८ २५९ २५९ २६० २६० २६१ २६१
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