जीवन चरित्र | Jivan Chartr
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
323
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पूर्य श्री वन्द जी महारज
जीवन-बरित्र
का
प्रथम करण
১
हरिगीतिका
मुनिराज के उपदेश से वैराग्य फा अंकुर बढ़ा ।
प्रग्यक्ष होने लग गया जो रह्ञ था उन पर चढ़ा ॥
संयम ग्रहण करना यद्पि तलवार की सी धार है।
चिचलित नहीं होते कभी जिनका पविन्न विचार दै ॥
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