ब्रजविलास | Brajvilas
श्रेणी : पौराणिक / Mythological
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
33 MB
कुल पष्ठ :
644
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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निजमुखसुकरदेवकीदिष्यो| (सरदचेदेपर सम लेख्यो॥
मिसीनिमिरमश्निषुलपाये (जान्योकंसकाल दर सायो
प्रकऋएगमन न आयेसकलजनावन सेव1॥
नसनेंगर्भलुतिसबकरदी जैजेजेजे जे उच्चरही ५
जेद्रद्या पिव सेव्य सदा | |ॐवेटान वेद् सर सादे ५
जे वीरयपढमर्वानधिवोहित | प्र्ल पालजेदौनमकेदित
संकल्पं सस्यशण ामा॥ जिजनवोकिते पूरण कामा
||जे योधिजहिवनरतनु चा जे सेनय परतिगनि्पयहारे
जिकृपान जानेद वरुथा॥ ` वंदितचस्णण्फसंबुए्यया
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एनितनकेगुखः नायगुरश्रेव नपाद
ुनिजनमनध्यानग्वै भति्धीनवेटे यशा गते
अलखभररपंफनीहमजप्रसुण द्रव लनादि
` गभयक्तिसो देवको कौनुकानिधि सव्वोधि ४
| सोभ्कनेह न यये मेवसोषमहेष्रगरोऽावध
|| ` नमोनमेनहि देव परस्विचिचरचिप्रसं॥ `
करविनवीसुरसदनतिधारे | यरमानदमगने सन भरे ॥
| च यासं ৪৯০ १ वचने प्रेम सो सान॥
सय डयायकरुकीजे | | वाजकरबलीजे॥
घिवल छलपीकीजे রী जमित चां यं होड ॥
भंसनवच्पवके यजन देममउद्रंदेव अगवाना ॥
বন যাক নাল
उपमवसजायतोजाऊँ | पनियहंसुर्ताहतकरियडपाक,
क्चमेसवर्हांगिहित भाखें। ১৯৭ ১ |
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