नए पदार्थ | Naye Padarth
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
78
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)नए पदार्थ और जीवन वी नई सुविधाएँ 11
स्तर पर जिस पर हम मनुष्ययुक्त अन्तरिक्ष यान को मगल पर भेजने की कल्पना
कर रहे हें।वे भविष्य के स्वप्न मात्र थे। और अभी तो बीसवी शताब्दी का
अधिकाश भाग वीता है। शायद आप अपनं जीवन काल मे उन चीजो को देख
सकेगे ओर उपयोग कर सकेगे जा अभी केवल कल्पना की बात है।
क्या आपने कभी सांचा हैं कि ये चीजे इतनी नई क्यो हें? ये।पछले कुछ ही
वर्पो के दारान इतनी तेजी से क्या वनी?
इसका कारण यह है कि हम वैज्ञानिक युग मे पहुँच गए हें। पिछले कुछ वर्षों मे
सारी महत्वपूण खोजे वेज्ञानिको ने ही की हे। वेज्ञानिका ने पता लगाया कि परमाणु
कंते होते है, उनसे विद्युत् किस प्रकार सं उत्पन्न हाती हे। वेज्ञानिको ने टलीविजन,
रेडार, आर इलेक्टोनिक मस्तिष्क ईजाद किया वेज्ञानिको ने पेनेसिलिन जैसी
आपथि तेयार दी ओर बताया कि वायुयान अधिक तंज कंसं उड सकते हे।
परन्तु इस पुस्तक का सवध एक सबसे महत्त्वपूर्ण खोज से है-यह हे नए पदार्थ
यानी नई धातुओ ओर नए प्लास्टिको की खोज1।
शायद आप साच रहे होगे कि धातुए ओर प्लास्टिक न तो इतने नए ही हें
ओर न इतने महत्त्वपूर्ण ही। परन्तु वे वास्तव मे हं। क्या आप जानते हे कि इन
चीजा के वनाने मं प्रयुक्त धातु ओर प्लास्टिक उतने ही नए हे जितनी कि स्वयये
नई वस्तुए। क्या आप जानते ह कि उनके विग इनमे से एक भी चीज का निमाण
नटी हो सकता था?
कुछ वर्ष पहले तक मनुष्य हर चीज का निर्माण ऐसे पदार्थों से करते थे जो
भूमि से उपलब्ध हो सकती थी। उन्हे धातु ओर कोयना तथा तेल जमीन से खाद
करं प्राप्त होते थे। उन्हे पेडो से लकड़ी ओर कपडे यनाने के लिए ऊन्, फर ओर
मितक जैसे पदार्थं जानवरो से प्राप्त होते ये। उन्हे हर चीज प्रकृति से प्राप्त
होती थी। ओर आवश्यकता के लिये काफी माना मे प्राप्त होती थी।
'उसक बाद दो बाते हुई। बैज्ञानिको ने ऐसी चीजे ईजाद की जो उन्हे उपलब्ध
पदार्थों से नही बन सकती थी। उदाहरण के लिए परमाणु शचि केन्द्र-वेज्ञानिक
उन्हे बनाना तो जानते थे पर वे इसलिए नही बना सकते थे कि उनके पास जो
धातुए थी वे उपयुक्त नही थी। इसलिए उन्हे नई धातुओ की खोज करनी पडी। ये
धातुए मिट्टी मे थी, जिनका उपयोग अभी तक नही हो पाया था, परन्तु प्राप्त
करना अत्यधिक कठिन था। यही कारण हे कि पहले उन्हे कोई भी प्रयुक्त नही कर
सका था।
रोमन जानते थे कि मिट्टी से 7 धातुए केसे निकाली जा सकती है, इसलिए
उनकं पास चीजं वनानं के लिए केवल सात धातुए उपलब्ध थी -लोहा, तॉबा,
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