ऋग्वेदीय ब्राह्मणों के आधार पर वैदिक संस्कृति का एक अध्ययन | Rigvediy Bhrahamho Ke Adhar Per Vaideek Sanskriti Ka Ak Adyayan
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
62 MB
कुल पष्ठ :
336
श्रेणी :
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No Information available about सौभाग्यवती सिंह - Saubhagyawati Singh
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)मन्ड अर् ब्रॉतण शब्दों काया परिचय
मन्त्र -» पर्वाक्त 'मन्ऋाधणयौवैेदनामवैयः' के अन्तर्गत कहे गए मन्त्र जाए
ब्राहणः शव्द से चया अभ्परित › यही यदहं पिका रणाय हे । निरुक्ते
याक नै दिक ई দল জলে ই দন্ড উহ | अमन) ~अ -टिन्पण क्ते
हुए डुर्गाचार्य ने ऋापर छिंसा है कि मन्त्र मनन किए जाने से मन्त्र कहलाते हैं ।
मननकरता इनके छपरा वध्यात्म अधिदेव तथा अधियज्ञ का मनन करते 8, यही
क्षनका' मन्ज्त्व हैं । ये छन्दीमय होते हैं ।
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ने वैदिक कौश में ভিজা &ঃ मनी (पीवचाला,चिन्तन करना) धातु से मन्श्न
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१ -निरुक्त ७.१२ मन्त्राः मननात्
२ तन्व ~ मन्त्रीमिननातुरम्यी छ्राध्यात्मा, ,, वायुच्चरति
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