गीतानुशीलन | Gitanushilan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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{ ३ ] ( १३ ) भीयुत पं पदादोर ध्रसादजी पांडे बया निमाड्गंज जबलपुर ५) (१७ ) ,, डा० रघुनाथप्रसादजी बन १०) (५५) + शिवसिंहजी चन्द्रसिंदजी जाड़ेजा, बेला रंगपुर, रवी, काठियाबाड़ प ५) (१६ ) श्रीयत डा० हरनामद्ास ऋवाजी, होरी दसवाजा, म्रा -.- शद) (২৩) » ५० बालमुकुन्दजी जिपाठी, सहकारी मंत्री जबलपुर हिन्दी खाहित्य सम्मेलन न. ३५) <छा) गीतानुशीलन के सहायक गण । गीताउुशोलन के आहक संझ्द द्वारा सहायता पहुँचाने के लिये मैं निम्न लिखित मद्दाशयों को धन्यवाद देता हैं-- श्रीसुत शिवसिंहजी चन्द्रसिंदजी जाड़ेजा बेला रंगपुर मोरवी | ५ परिहत राजैन्द्र नारायण जी मिश्र, भवानी पुर, डगमारा, भागलपुर । क्र +) मेशानन्द्‌ थपन्याट, सान्सडौन, गढ़ वाख । उपकार स्वीकार ! (१) इस खश्ड की भाषा के संशोधन और प्रूफ के देखने में पं० गंगाधिण्णुजी पाशएडेय स॑स्कताध्यापक दितका रेणी स्कूछ, जबलपुर ने यथे४ सहायता दी है | उन्हें धन्यवाद । (२) इस खणड म जरा अन्य अस्थों से उद्धरण दिये गये हैं उन प्रन्ध- कारों को धन्यवाद देता हूँ । गीतानुशीलन के अकाशन में आय “व्यथ का लेखा । ( आरम्भ से जुलाई २६२४ ई० तक ) आय व्यय दान से -- देना) गीतालुशीकनके दे! खरडों अग्निम चन्दा से... ৯5168 के प्रकाशन में खर्च ... ६३४२॥०)॥ सूद से ২০) गी० जु० तीसरे खएड के नामें १२१४०)! गोठालुशीलन की रणदी सामान खातैञ्मा ... सद) নিলি ০ २३२।८)। जव्रङुपुर अनः्थाङ्यङा द्ष्न ३९२७)




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