भारतीय कला को बिहार की देन | Bharatiy Kala Ko Bihar Ki Den

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Bharatiy Kala Ko Bihar Ki Den by विन्ध्येश्वरी प्रसाद सिंह - Vindheshvaree Prasad Singh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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षठ १०४ १०५ १०८ ११०५ १११ ११४ ११६ १२३ ११५ १२५ १२६. १२५. १२६ १४० चित्र-सं° चित्र-सं ० सि०-छं० चित्र-सं ० चित्र-सं ० चित्र-सं ० चित्र-छ ० चित्र-सं ० चित्र-से ० चित्र-सं ० चित्रन्स ० चित्र-से ० चित्रल्‍्से ५ १२२ झा, भकुदी - न | पक्ति अशुद्ध शुद्ध प्पि०-सं० ६४ चि०न्सें० ६४ श्र ২৭ लेख 05 ३५. चि °-सं० ६२ चि०-सं० ६७ १८ 10788 10198 ३७ चित्र-सं० ६७ जिन्रन्तं० ६७ अर २७. मेघवर्म मेघवर्ण चित्र-्तं० 3) चिन्-सं० ५७१ श १० 101 10011 ३ टकसाल मे ही ट्कसाल में मी ६ ओर उसे श्रोर २२ देवी-देवताश्रों को देवी-देवताओं की २१ उत्कीण हैं उत्कीणं ई श्रौर इसी प्रकार को मुकुट घारी बुद्ध की एक प्रतिमा पटना-संग्रहालय में है। २४ अमयनमुद्रा में खड़े अमबन्मुद्रा में खड़े ओर भूमि-स्पश मुद्रा में নিত बुद्ध की सुन्दर प्रतिमाः ३० पटना-संग्रहलय भारतीय संग्रहालय चि०-सं० ११६ चि०-सं० ११५ ११३श्न चित्रन्सं० १०३ ११५ चित्र-सें० १०५ पृ० १३२ दित चंल्या १२२ श्रा, चंडी, गणेश श्रौर कात्ति केय (१) १३२ चित्र -सं० १२६ १३३ चिन्र-सं० १४१७ १३३ वे चिन्न-सं० १२८ १३३ चित्र-सं० १२७ श्र १३४ चित्र-सं० १२६ १३६ चिन्नसं० १३० १३६ चित्र-सं० १३१ १३५ জিন্স १३२ ৭২৬ चित्र-सं० १३३ १३८ चिननषंर १३४




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