उसकी याद में | Uski Yaad Me

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Uski Yaad Me by कांति वर्मा - Kanti Varma

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about कांति वर्मा - Kanti Varma

Add Infomation AboutKanti Varma

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
पत्नी पच्चीस वष जिस पत्नी के साथ विवाए थे उसका अतिम सस्झ्ार २४२ जवे जञ साहू शमशान से लौट तव उनकी दा दी श्नेषपीय धो उनका हृदय फटा जा रहा था । मन हो मन वह भगवान से ३६ (हे “7 हैं भगवान्‌, तूने यह कया क्या ? मैंने तेरा क्या दियाझा ५१ हाय, अब मैं बया करंगा ?! कार रुकने पर उनके दानो मित्रो पे ₹-हें सहारा देकर उतारा। उनके पैरो में चलने की शगित्र पटो पी भो । धर क दरवाजे बे पास पहुचरुर एक प्ित्र ने उऐ्े समाते ह५ ४४० “दो, मव अपन को जरा सभाल लो, तुम्हारी मह एा देश३६ इभ्ो था क्या ছাল হামা ?! उसके चार बच्चे थे--दो लड़के, दो सथरियां। भहे ७४४ ४ आधु लाभग चोबीम की थी। वह बही, पटने ही ५१५९१९१५ বা) ভাত লনা অতভাত বঘ কাখা। দীঘি 1৯ ৭ ५५९. এ रहा था। बड़ो लडकी को आयु बाईस पर्ष को भी ০৮৯ १५५, है। गया या, लेकिन दुभाग्यसे छद महीने पमे ही सष * ध ४५ कग्दपौ भौर वह पिता धर हरेआगरर्‌ भी ] ए ११ १ ধনী ঘী বলিল মহত ম মর বৃহ খী। _ रमशान से सोरते समय হান? লঙ্তৃ भी ७१ ४ ४५ ता के शक म व भी डूबे हुए थे। उगने पाम ५१




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now