वैदिक धर्म | Vaidik Dharm

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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मूक भंग्रेजी केखक- भ्री आर, के, प्रभु वेदिक ज्योतिःशाख अनुवाद्‌क- শ্রবিহাতি হামা মহ) ও ০. लाजते हजारों वर्ष पूर्वके बेबीक्रोनिया; मिश्र, इंरान, भारत, चीन, माया और दूछरे देशोमें रहनेवाकोंके রাহা प्रतिपादित ज्योतिष श्ञख्रके सिद्धानतों डी घत्यताने भाजके ह॒ति- हासक्षोंकों भाब्नर्यान्वित एवं सोचक्का कर दिया है । उन्हें माश्रये इस बतका होता है कि शन्होनि सूयं, चन्द भौर तारोंकी गतिका इतना बयार्थ शान किप्त तरह प्राप्त किया, जब कि उतकी गतिके पता छगनेवाले दृरबीन भादि पाधन फिलहाल ही बने हैं। यद्यपि कुछ हृतिहापस्षोनेि हस बातकी भी कोशिश की कक थे इन प्राचोन विद्वानों हारा ज्योतिषज्ञासके पंबंधमें प्रप्त दिए हुए शञानकी भधश्पता पिदू करें, पर वे अपने हष क्रायपेंसफल नहीं हो पाये। तब हृस रहस्थका, कि उन्होंने ज्योति।शास्त्र विषयक ভুনা অথথ शान किस तरह प्राप्त किया, समाधान क्या है ! मेरे विचाशमें यद्द रहस्य प्राचीन सम्यता पर सरोज करने- वाक्ोंके किए एक रहस्य हो! भना रहेगा, जब तक कि वे गाधुनिक सम्पताके मूक स्थानक्षा पता नहीं छगा উন। श्र्याद्‌ जबतक वे हध बातक। पता न छगा के कि भाधु- निक पम्पता किस्त प्रकार भर किस स्थानसे নিহমুধ हुईं, तवतक थे हस रहस्यक्ा समाधान नहीं प! सकते | इस पम्पताके प्राचीनतम मूरस्थानङे विषभसें ऐतिहासिक विभिन्न मत रखते हैं। “ इण्डो लायंन '” मापामापी लोग प्राचीनेति शभ्यताष्टी षटवे सर्वश्रेष्ठ माने जाते हैं। पर असीतक हन छोगोंके मूखस्थावका निश्चय नहीं हो पाया । कुछ विद्वानोंके मतमें रूसका कुछ भाग, अमन पोकछेण्डके मेदान भौर 24 दि प्रेफिक-छमस्दुब, जुकाई १९; १९२४ ডি» क्ॉक्ससके प्रधेशा ही ভল দান্বীদীক্চা মুন ছু । অহ রহ मत कई ऐतिद्प्तिकोंकों मान्य नहीं है। इधसे कुछ भागे बढकर झायथेर कीयने कहा है कि- “' प्राचीन सश्यताढ़ी खोज करते सम्तय किसी एक घाटीतक सीमित रहनेसे हमारा काम्त नद्ीं चल सकता, अतः द्में यह मानना पढ़ेस। कि दक्षिण पश्चिमी एश्लियाके प्रदेक्षमें अर्थात्‌ पूर्वमें भारतसे छेकर पश्चिममें भूमध्यक्षागरतक वे प्राचीन कोग निवास करते थे । '' प्राचीन सभ्यताके विषयमें खोज करनेवाछोंके पघामने इस सम्यताके मूछस्यानको खोजनेसें कठिनाइयों इसीलिए भाती हैं कि उप्त प्पताके प्मय निर्धारणदी सीमा ही उन्होने गरुत नांहो हे | मरते मामके हौ देखा जा घकता है | मोहन-जोदढोकी खुशईने भारतीष धश्यताकों भाजके इतिद्ासज्ञों द्वारा निर्धारित किए মলম मी दो दजार वर्ष प्राचीन प्रिद्ध किया है। मिश्रमें सर फ्डिण्डपव पेट्रीके द्वारा को गई खुदाईने मिभको प्भ्यता है. ए. ११००० वष पुरानी षिध को दै ।>८ पत्चियत कछाकी अमरीकी संख्ये निर्देशक श्री डॉ. लाथर ढफम पोपके भनुसार दरानङो सभ्यता दा पूवं ८००० भौ ५००० वर्षेके दीचमें शुरू हुईं। इस प्रकार यह स्पष्ट ह्वो जाएगा कि मुख्य प्रश्न कि लाज़- की प्रस्पताका सूलस्थान कौनसा है, भभीतक जैसेक। वैधा ही बना हुआ है। मेरे विचारमें तो ' पेराडाहज फाइण्ड ! ५ के रचम्रित। ढॉ, दब्श्यू. प्र, बरेनके द्वारा प्रतिपादित व श्री छोकमान्य বিজ द्वारा लनुमोदित ^ उत्तरी धुव का + / पेराइाहम फादण्ड ” दि क्रेडक ऑफ दि घ्यूमेन रेध पुँट दि नेथ पोह. ९ खटी भरु दि प्ि-दिस्सोरिकि হস, विषिपम एष्‌ वरेन, रण्वन १८८५.




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