विज्ञानं | Vigyan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
75 MB
कुल पष्ठ :
459
श्रेणी :
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No Information available about डॉ विष्णुदत्त शर्मा - Dr. Vishnudatt Sharma
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)सिद्ध करो किप्रत्येकय के लिये 1-12-13 -..--+य
_ यय 1,
माना, प्रत्येक य के लिये चः 1-{-2--3-{- - . ~य
य (य+)
== रको प्रदशित करताह। रतः चाके लिये
1 111) _,
= ~=
और चके लिये
जे
172 = --3,--इत्यादि इत्यादि ।
1(1-- 1
प्रमेयानूसार, यदि च} सत्य है, यानी 1 = +)
तो माना जा सकता है कि
ऋथनी3क--+--ा (रर्न-1)5-(र--1)
5
|
प्रतएव प्रत्येक य के लिये हम कह सक्ते टँ कि
9 1
` < 1-3 1 --- फंयचन्य-
गणित जानने वालों के लिये गणितीय प्रेरण एक बहुत
शक्तिशाली हथियार है, जिसकी सहायता से प्राकृतिक
संख्या से सम्बन्धित अनेक परिणामों को तथा अनेकों दूसरे
प्रकार के परिणामों को सिद्ध किया जा सकता है ।
उदहाणाथ, यदि क एक वास्तविक संख्या है, तो हम
क् ==क
या कर1-“ (कश †
तथा क (कक, जहाँ र एक धनात्मक्
पूर्णांक है, को लिख सकते हैं ।
ন্ সি €
इसके अनुसार कं ` प्रत्येके धनात्मक ধুয়া य के
लिये, सिद्ध किया जा सकता है ॥ मात लिया कुछ धनात्मक
पूर्णांक के लिये का को नहीं सिद्ध किया जा सकता।
16 ]
विज्ञान
तो धनात्मक पूर्णाकों का समुच्चय म, जिसके लिये
क् की परिभाषा नहीं की गयी, श्ररिक्त होगा | माना ट,
म॒मे एक सबसे छोटा पूर्णाक है, तो ट55!, क्योंकि क
की परिभाषा की जा चुकी है। श्रतः (ढठ--1) एक
धनात्मक पूर्णाक होगा । क्योंकि (ट--1), ८ से छोटा है
1
पौर कः“ सत्य है ।
ग्रतः प्रेरित परिकल्पना हास,
(ट-- 1) -- 1 লু
(৩137 (कर क
आलू
रौर कः --(क )क
प्रतएव कर की परिभाषा की जा सकती है । इससे
विरोधाभास मिलता है, क्योकिट, ममे नहीं है ।
परिणामतः यह कहा जा सकता है कि प्रत्येक धनात्मक
पूणक य के लिये क सत्य है ।
इसी प्रकार से गणितीय प्रेरण के और भी अनेक
उपयोग हैं ।
+ यऽ , यः , 7प
उदाह्रणार्थ-सिद्ध करना किदन $ 1 द्रः प्रत्येक
य के लिये, पूर्णाक है।
य --1, के लिये,
1 1 7
11
আসল: 1 ঈ लिये परिणाम सत्य है ।
मानलिया यज -र के लिये भी सत्य है ।
तो हम आशा करते हैं कि
श, এ রি
त 15 + एक पूर्णाक হয়া |»
इसके सरल करने पर,
(र +- 1) । (र-{-1)3 | 7(र--1)
৮
(44294887271)
[ दिसम्बर 1970
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