जनपद - इलाहाबाद में सिंचाई एवं कृषि उत्पादकता का परिवर्तनशील प्रतिरूप फूलपुर तहसील एक अध्ययन | Janapad Allahabad Men Sichai Avam Krishi Utpadakata Ka Parivartanasheel Pratiroop Foolapur Tahasil Ek Adhyayan
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
29 MB
कुल पष्ठ :
284
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)है । इस प्रकार उत्पादकता के आघार पर विश्व को विकसित, अर्द्धं विकसित तथा विकासशील
आदि प्रदेशो मे सीमाकित किया जा सकता है ओर इन क्षेत्रो के विकास हेतु योजना बनाई जा
सकती है।
विश्व स्तर पर कृषि उत्पादकता से सम्बन्धित अनेक महत्वपूर्ण कार्य किये गये है इनमे
प्रमुख निम्न है ~ (1) प्रो0 एम0 जी0 कैष्डल 1935
(2) प्रो० एल0 डी स्टैम्प 1958
(3) प्रो०0 एम0 सफी 1960 एव 1967
(4) प्रो0 सप्रे एव देशपान्डे 1964
(5) एस0 एस0 भाटिया 1964
(6) प्रो० जी0 वाई0 इनेडी 1974
(7) बी0 एन0 सिन्हा 1968
(8) प्रो0 जसवीर सिह 1974
8) प्रो0 माजिद हुसेन
(10) ड बी0 वी0 सिह ओर प्रो0 प्रमिला कमार जी आदि मुख्य हे ।
इन विद्वानों ने कृषि उत्पादकता सम्बन्धी अनेक महत्वपूर्ण अध्ययनों के द्वारा उत्पादकता
को बढाने एव इसके आकलन हेतु विभिन्न प्राविधियो का उल्लेख किया है।
उपरोक्त विद्वानो के अध्ययनो के आधार पर ही कृषि उत्पादकता को निम्न रूपमे
परिभाषित किया जा सकता हे ।
कृषि उत्पादकता का अभिप्राय किसी इकाई या प्रति हेक्टेयर क्षेत्र की उत्पादित मात्रा से
हे | अतः उत्पादकता प्रति हेक्टेयर उपज का द्योतक है जबकि उर्वरता मृदा की वहनीय शक्ति है
जिसके आधार पर उत्पादन की मात्रा मे वृद्धि एव हास होता रहता है।
1.5 पिछले अध्ययनो का इतिहास
कृषि विकास सम्बन्धी अध्ययन कृषि-वैज्ञानिको, कूषषि-अर्थशास्त्रियो तथा भूगोलविदो के
दारा अपने अपने ठग से किया जाता है। इस विषय पर पश्चिमी देशों मे कमबद्ध अध्ययन
फार्मस्तर पर हुए है, तो कुछ अध्ययन जिला स्तर पर. कुछ अध्ययन क्षेत्रीय स्तर पर किये गये है
तो कछ राष्ट्रीय स्तर पर तथा कुछ महाद्रीपीय स्तर पर केन्द्रित है। भूगोलविदो द्वारा - कृषि
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