मिलकर सोचें | Milker Sonchen

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Milker Sonchen by अहल्या चारी - Ahalya Chariराजी रमणन - Raji Ramanan

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राजी रमणन - Raji Ramanan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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मिलकर पोच 6 शहर में लड़कों के दूसरे स्कूल में जाता था| शंकर की माँ सारा खाता खुद बनाती। आयशा ने देखा कि उनका अधिकांश समय रसोई घर में पति और बेटे के लिए पूरी, आलू, गुलाब जामुन तथा अन्य करई प्रकार के पकवान बनाने में बीत जाता है। शंकर के पिता का अपना धंधा था और वह पूरा दिन बाहर रहते | जब वह शाम की घर लौटते तो वह चाहते कि उनकी पत्नी उतकी देखभाल करे | अपनी पत्नी से वे बहुत कम बात करते। उतका बात करने का ढंग भी बड़ा कठेर था और वे मानते थे कि औरतों को अधिक बोलने के लिए प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए | इसका नतीजा यह करं पति-पत्नी आपस भे बहुत कम बते करते ओर यह बात बड़ी स्पष्ट थी कि घर में केवल उनके पिता की चलती है| शंकर की माँ यह सब भाग्य की बात सोच कर स्वीकार कर लेती | यहाँ तक कि वह तो शंकर के सामने ही आयशा से यह कहती कि कुछ भी हो वह एक औरत है और औरतों का कास ही धर की वेखभाल करना और पुरुषों का ध्यान रखना है| शंकर इन सब बातों को बिना कुछ पूछे स्वीकार कर लेता | ऐसे ही विचारों को लेकर वह बड़ा हुआ। एक दिन जब आयशा ने शंकर से यह पूछा कि वह रसोई घर के कामों में अपनी माँ की सहायता क्यो नहीं करता तब उसने बडे घमण्ड ते जवाब दिया, “अरे वह तो लड़कियों का काम है| मैं रसोई घर में नहीं जाता। मैं तो पायलट बनकर हवा में उड़ने वाला हूँ। देखो यह मेरा छोटा हवाई जहाज ' | आयशा यह सुनकर दुखी हो जाती ओर सोचने लगती कि क्या केवल लड़कों को ही बाहर के रोमांचक तथा मज़ेदार जीवन के आनंव का हक है और लड़कियों के लिए क्‍या घर पर रहकर खाना पकाना ही सब कुछ है। उसने अपनी माँ से पूछा कि क्‍यों शंकर के माता-पिता का स्वभाव अलग है और क्यों लड़कियों को घर के अंदर ही कैद रहना चाहिए। उसकी मँ ने उसे बताया किं आज कल लड़कियों के लिए कई व्यवसायों के राप्ते खुले है| वे डक्टर तथा अध्यापिकाओं के अलावा वायुयान परिचारिका, ईजीनियर, नर्म, टूरिस्ट गाइड, अनुसंधाता, रिसेपशनिस्ट, टेलिफ़ोत ऑपरेटर आदि बन रही हैं। लड़कियाँ अंतर्राष्ट्रीय खेलों, पर्वतारोहण आदि में भी भाग ले रही हैं। इसी तरह आजकल पुरुष घर के कामों में सहायता करते हैं क्योंकि नौकर या तो मिलते नहीं और यदि मिलते भी हैं तो बहुत महंगे हैं| उसकी माँ ने कहा कि अब समय बदल रहा है और औरत केवल घर नहीं देखती हालांकि घर की




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