मुहूर्त मार्तण्ड | Muhurta Martanda

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image :  मुहूर्त मार्तण्ड - Muhurta Martanda

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about पं श्री सीतारामभक्त्क्रत - Pt. Shree Seetaram Bhaktkrat

Add Infomation AboutPt. Shree Seetaram Bhaktkrat

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
प्रकरणमू ६ ) घरभाग्यपण्याग्यासदित 1 अद्शननन्नम ; चराटायुध चन्यमाणप , ढु लग टुसुह्तप ; पूचेभवस्थ प्रथमगभात्पल्रस्य उपप्रमासमू, पापयुगितयक्षाणि ( पापेन युक युत, इत गत, ग्गय भाग्य अपधिममिति नीणि ननत्राणि ) विद्ध विद्धननत्रम , ऊनारयाधिकमासकों संयम णटातिपु नव ज्नगएटा तिगणडेपु युतिपु योगेपु'क्रमेण त्यद्माथाद्रसतुप्रचघटिका ( तिस्र व्याघाते5द्ठा: ९, यूलेड्था ५. चल ५, गर्ट रसा ८, अतिगर्डे ऋतवः ६ इति आदिम नाटिका ), भाना ननक्नत्राणा विपास्या घटी श्र 'युभे सन्त्यजेतू ॥ ३॥। शान दी०-जन्ममास जन्मतिथि, जन्मनक्षत्र आदि, प्रहण-नक्षत्र, चण्टायुघध, दुष्ट मुहूर्त, प्रथम गर्भाप्पन्‍न सन्तान के लिये ज्येट्मास, पाप श्रहसे युक्त भोर उससे पीड़े तथा भागे के एक एक नक्षत्र, विद्ध नक्षत्र, क्षयमास, मल्मास, तथा चिप्कम्भ-व्याघात-याल-वज्ध-गण्ड अतिगण्ड इन योगों की क्रमसे दे, ९, ; ९, ६, ६ जादि घटी मोर भद्विन्यादि नक्षध्ों थी विपघरी ये शुभ कार्य में त्याग करना चाहिये ॥ ३ 11 विशेष --चण्टायुघ भर चिपघटी भादि भागे कहेंगे। क्षयमास और नधिमास का लक्षण-- *द्रसक्तान्तिमासोबधघिमास स्फुट स्यादू द्विसक्रान्तिमास क्यारय कदाचित्‌ । झय कार्तिकादिघये नान्यत स्यात्‌ तदा ॥”' झर्थ--जिस चान्द् मास ( दो अमावास्या के भीतर ) में सक्कान्ति न हो चह भधिमास, तथा जिस चान्द्रमास के भीतर दो सक्रान्ति हो वह क्षयमास कहलाता है । क्षयमास ( वर्तमान मन्दोद्य के हिसाब से ) कार्तिकादि तीन ही महीने मे ता दह भी कभी सयोगयदय होता है तो उस यप॑ ठो भधिमास जवदय होते है ॥ ३ ॥ चन्द्र दशारि एक जन्मेशेज्यसितास्तमज्नशशिनोः क्रूरोद मां क्तेरीसू । * रिए्ं गोचरसंभर ग्रहजनिपांतोद्ू भर सतकं दुश्चिहानि मनोविभडमपि च व्याधि शुभे संत्यजेत्‌ ॥ ४॥। कि




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now