औषधीय पौधे | Aaushhadhiiy Paudhe

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Book Image : औषधीय पौधे  - Aaushhadhiiy Paudhe

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about सुधांशु कुमार जैन - Sudhansu Kumar Jain

Add Infomation AboutSudhansu Kumar Jain

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
प्रत्तावना 3 में निरयर्थक सिद्ध हुई । इससे यह संकेत अवश्य मिलता है कि हमें सभी वनौषधियों की परी क्षा यथासंभव कर लेनी चाहिए । किंतु इसका एक दूसरा पहलू भी है । संभव है कि औषधि में कोई ऐसे अज्ञात तत्व निहित हों जो योगी को लाभ पहुंचाते हैं किंतु रासायनिक विश्लेषण में दिखाई नहीं देते । यह भी संभव है कि पौधे में विद्यमान भिन्न एल्‍्केलाइड या अन्य तत्व जब एक साथ मिल कर क्रिया करते हैं जैसे समूचे पौधे के क्वाध में तभी वह उपयोपी होता है । उनके एल्‍्केलाइड आदि अलग अलग व्यर्थ सिद्ध होते हैं । साथ ही पौधे फूलने का समय फलने का समय बीज या छाल एकत्रित करने का समय उगने की ऋतु तथा स्थान आदि आदि अनेक बातें औषधि की उपयोगिता पर प्रभाव डालती हैं और यह असंभव नहीं कि रासायनिक विश्लेषण करने वालों ने इन सब का ध्यान न रखा हो । ऐसा अनुमान है कि भारत में लगभग 2 000 पदार्थ औषधियों में प्रयुक्त होते हैं इनमें लगभग 200 पदार्थ जीव जंतुओं से प्राप्त होते हैं इतने ही खनिज पदार्थ हैं । लगधग 1 500 पदार्थ फल फूल पत्ते जड़ छाल गोंद रस आदि-वनस्पति जगत की देन हैं । हमारे विशाल-देश के लिए यह संख्या कुछ अधिक नहीं है । भारत में नाना प्रकार की जलवायु मिलती है । 49 से. से - 43 से. तक का तापमान 100 मिमी से लेकर 10 000 मिमी से भी अधिक वर्षा के क्षेत्र समुद्रतर्टों से लेकर लगभग 6 000 मी. ऊंचाई तक के स्थान आदि कारणों से भारत में लग भग 1 500 से अधिक जातियों के पौधे एंजि ओस्पर्म मिलते हैं जिनमें औषधीय गुण बताये जाते हैं । इन 1 500 पौ थों में से केवल एक सौं का चुनाव कदाचित मेरी सबसे बड़ी कठिनाई थी । अन केवल वही पौ धे चुने हैं जिनकी उपयोगिता वैज्ञानिक विधियों से परखी और सिद्ध हो चुकी है अथवा जो पौधे भारतीय मानक औषध कोश इंडियन फार्मेस्यूटिकल कोडेक्स ब्रिटेन का मानक औषध कोश ब्रिटिश फार्मेस्यूटिकल कोडेक्स तथा अमेरिका का मानक ओऔषध कोश यूनाइटेड स्टेट्स डिस्पेंसेटरी में मान्य समझे गये हैं पुस्तक में उन्हीं का विवरण दिया गया है । अधिकतर भारत के देशज पौधे ही लिये गये हैं । कुछ ऐसे विदेशी पो थे भी जिनकी अब भारत में खेती हो रही है या जिनका व्यापार कार्य में महत्व है चुन लिये गये हैं । इनमें से कुछ पौधे तो अब भारत में फेल भी गये हैं और स्वाभाविक रूप से उगते दिखाई देते हैं । पुस्तक के अध्याय पौधों के वैज्ञानिक नाम के वर्णक्रमानुसार हैं । प्रत्येक अध्याय के शीर्षक के लिए पौधे का मान्य तिजारती नाम ट्रेड नेम या कोई अधिक प्रचलित हिंदी नाम चुन लिया है यदि एक से अधिक नाम भारतीय औषध कोश में मान्य समझे गये हैं अथवा व्यापार कार्य में प्रचलित हैं तो उन्हें दूसरी पंक्ति में कोष्ठक में दे दिया गया है । जहां तक संभव हुआ है पौधों के सही स्वीकृत वैज्ञानिक नाम ही प्रयोग किये गये हैं । पाठकों की सुविधा के लिए कुछ पौधों के स्वीकृत नाम के तुरंत बाद ही अधिक प्रचलित होने के कारण कुछ पुराने अस्वीकृत नाम भी दे दिये हैं । पौधों का कुल फैमिली कोष्ठक में दिया है । उसके नोचे भारतीय भाषाओं में नाम दिये हैं यदि अंग्रेजी का नाम मिल सका है तो वह भी दे दिया है। भारतीय भाषाओं में सर्वप्रथम हिंदी व संस्कृत के नाम हैं उसके बाद




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now