पृथ्वी की सच्ची कहानी | Prithvi Ki Sachchi Kahani

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Prithvi Ki Sachchi Kahani by पैट्रिक मूर - Patrick Moore

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पृथ्वी का आरम्भ हमने पुथ्वी के आरम्भ के विषय में जितनां ज्ञानंः.प्रीप्त क्रिया है, उससे, कल मिलाकर, हमे असन्तुष्ट रहने का कोई कारण नहीं है। हमें यह पता है कि यह आरम्भ कब हुआ, भले ही हमें यह मालूम न हो कि यह आरम्भ ठीक किस प्रकार हुआ; और ज्यों ही हम उस काल तक आ पहुँचते हैं; जहां भू-वैज्ञानिक और जीवाश्म-वैज्ञानिक पृथ्वी की पपड़ी पर से विश्वसनीय जानकारी का संचय छुरू कर सकते हैं, त्यों ही हम शब्दशः “पक्की जमीन” पर पहुँच जाते हैं । लेकिन, हम सबसे पहले, पृथ्वी के उस रूप पर ज़रा निकट से एक दृष्टि डाल लें जो उसके भली भांति ठंडा होने से पहले रहा था और जब वह आकाश में घुमते हुए लाल-गर्म पिघले हुए पदार्थ (भौतिक तत्त्व) के एक गोलक से अधिक कुछ भी नहीं थी ।




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