वेणीसंहार नाटक | Vainisanhar Natak
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
13 MB
कुल पष्ठ :
356
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( १७ )
नारायण पर प्रभाव उड़ा होगा । लेकिन भटद्दनारायण की रचना पर पूववर्ती
कवियों का कोई प्रभाव लक्षित नहीं होता । ह
भट्टनारायण की अन्य क्दियों से तुलना--यह स्पष्ट है कि भद्दनारायण में
कालिदास जैसी स्वाभाविकता तथा सरसता, बाण जैसा परिष्कार और भवशूत्ति
' जैसी उदात्तता नहीं है। भट्टगारायण को कना की हृष्टि से हषेवर्धव का समकक्ष
-भी नहीं कटा जा सकता 1 भटूनारायणको द्वितीय श्रेणी का ही कवि तथा
ताटककार कहा जा सकता है । भट्टतारायण की तुलना मुद्राराक्षस के रचयिता
विशाखदत्त से की जा सकती है । इन दोनों की भाषा में ओज तथा गति है ।
` समय की हृष्टि से भट्टनारायबण भवश्षति के समीप है। शैली की क्ृत्रिमता के
विचार से भी भट्टनारागण और भवशभूति में समानता है, लेकिन काव्यकला की
-हृष्टि से भट्टनारायण की भवभूति से कोई तुलना नहीं हो सकती | प्रकृति को
' भव्यता और मानव-ह॒ृदय के चित्रण में भट्दुनारायण में भवभूति जेसी सिद्धहस्तता
` नदीं पाई जाती
সা আর ও পাপ
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