सीपी सूक्त | Sipi Sukt

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Sipi Sukt by चन्दन मुनि - Chandan Muni

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१५. १६. १७. शवः १९. ` निष्ठ बने, उसका जीवन सचाई, सादगी और चैत्तिकता २०. २१. २२९. श्रणुत्रत ्रान्दोलन विचार-निर्माण का श्रान्दोलन. है । वह मनुष्य के संस्कारों मे से शोषण, संग्रह प्रादि दोषों को मिटाकर एक उदार मानवीय-भावता का संचार करता है । ग्रणात्रत श्रान्दोलन के ग्रन्तगेतः मत्रीदिवस-कायंक्रम अ्रन्त- रष्टय क्षेत्र मे चलने वाले रीतयुद्ध व तनायोकी दिशि मे एक सात्विक चरणविन्यास है । ग्रगात्रत आन्दोलन किसी व्यक्ति व समाज का नहीं, वह सबके लिए--सब का है । ग्रशुत्रत योजना का निर्माण सामाजिक या राजनेतिक सुधार के लिए नहीं हुआ है । उसका उद्देश्य एकमात्र आत्म-सुधार व्यक्ति-सुधार या जीवन-सुधार है । वास्तव में व्यक्ति-व्यक्ति में आत्मश्रद्धा आए, वह चरित्र- से ओोतप्रोत हो; यही एक उद्देश्य है जिसे लक्ष्य कर अणखुत्रत योजना का प्रवर्तत हुआ है । अणशुन्नत आन्दोलन आज की जनता के जीवन में छाई हुई बुराईयों को निकालने का एक सीधा उपक्रम है। आज के इस भयग्रस्त व विषम वातावरण को प्रेम, समता व शान्तिमूलक बनाने के लिए अखुद्रत योजना” अत्यंत्त उपयुक्त है । ग्रणुव्रत का मागं प्रतिश्रोत का मागं है अर्थात्‌ दुनिया से प्रतिकुल चलने का मार्ग है । यद्यपि अनुश्रोत का मार्ग सरल है और प्रतिश्रोत का दुःसाध्य, फिर भी अनुश्नोत '. में चलने वाला सामर में पत्थर की तरह गायब हो जाता डे




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