सीपी सूक्त | Sipi Sukt
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
296
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१५.
१६.
१७.
शवः
१९.
` निष्ठ बने, उसका जीवन सचाई, सादगी और चैत्तिकता
२०.
२१.
२२९.
श्रणुत्रत ्रान्दोलन विचार-निर्माण का श्रान्दोलन. है ।
वह मनुष्य के संस्कारों मे से शोषण, संग्रह प्रादि दोषों
को मिटाकर एक उदार मानवीय-भावता का संचार
करता है ।
ग्रणात्रत श्रान्दोलन के ग्रन्तगेतः मत्रीदिवस-कायंक्रम अ्रन्त-
रष्टय क्षेत्र मे चलने वाले रीतयुद्ध व तनायोकी दिशि
मे एक सात्विक चरणविन्यास है ।
ग्रगात्रत आन्दोलन किसी व्यक्ति व समाज का नहीं, वह
सबके लिए--सब का है ।
ग्रशुत्रत योजना का निर्माण सामाजिक या राजनेतिक
सुधार के लिए नहीं हुआ है । उसका उद्देश्य एकमात्र
आत्म-सुधार व्यक्ति-सुधार या जीवन-सुधार है ।
वास्तव में व्यक्ति-व्यक्ति में आत्मश्रद्धा आए, वह चरित्र-
से ओोतप्रोत हो; यही एक उद्देश्य है जिसे लक्ष्य कर
अणखुत्रत योजना का प्रवर्तत हुआ है ।
अणशुन्नत आन्दोलन आज की जनता के जीवन में छाई
हुई बुराईयों को निकालने का एक सीधा उपक्रम है।
आज के इस भयग्रस्त व विषम वातावरण को प्रेम, समता
व शान्तिमूलक बनाने के लिए अखुद्रत योजना” अत्यंत्त
उपयुक्त है ।
ग्रणुव्रत का मागं प्रतिश्रोत का मागं है अर्थात् दुनिया
से प्रतिकुल चलने का मार्ग है । यद्यपि अनुश्रोत का मार्ग
सरल है और प्रतिश्रोत का दुःसाध्य, फिर भी अनुश्नोत
'. में चलने वाला सामर में पत्थर की तरह गायब हो जाता
डे
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