स्वास्थ्य कैसे पाया | Swasthya Kaise Pyar

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Swasthya Kaise Pyar by अज्ञात - Unknown

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about अज्ञात - Unknown

Add Infomation AboutUnknown

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
अपच ११ भरोसे मेने उस वालककी चिकित्सा शुरू की। दो दिनका उपवास कराया और पानीमे नीवूका थोड़ा रस मिलाकर ইন लगा। पहले तो लड़केने खट्टे नीवूका रस पीनेमे आनाकानी की, पर तनिक-सा नमक मिला देनेसे वह पीने लगा मेने उसके भोजनमे भी थोडा परिवतंन करवाया । थोड़ा इसकिए कि आश्रम एक सस्था ठहरी अत. प्रत्येकके लिए अलूग-अलूग व्यवस्था करना वहुत मुश्किक काम था। साथ-साथ लड़केको मेने टहलने और फिर दौडनेक आदेश दिए। कुछ ही दिनो वाद, आहारसंयम, नीवूका रस और प्रात.- भअ्रमणके प्रभाव प्रत्यक्ष होने लगे। उसके चेहरेपर एक क्रांति- कारी परिवर्तन मालूम पडने रगा । धीरे-धीरे इन्ही उपचारोसे उसका स्वास्थ्य विलकूर ठीक हो गया । आज मेरे आश्रममे अपने समवयस्क वालकोंमें यदि सबसे अधिक स्वस्थ, सुडौल और गुलाबी मुखका कोई वालक हैं तो यही मनहरी है। मनहरी मुझे अपना जीवनदाता कहता है और में प्रकृति- माताको उसकी जीवनदातन्नी कहता हूं । --श्रीमुरलीधर पाडेय व्या० सा० धर्मशास्त्राचार्य




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now