राजस्थान की प्रशासनिक व्यवस्था | Rajasthan Ki Prsashasnik Vyavastha

Rajasthan Ki Prsashasnik Vyavastha by डॉ जी एस एल देवड़ा - Dr. D. S. L. Devda

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about डॉ जी एस एल देवड़ा - Dr. D. S. L. Devda

Add Infomation AboutDr. D. S. L. Devda

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
प्रथम अध्याय विपय-प्रवेश ः सन्‌ १६४६ ई० में राजपूताना को रियासतो के राजस्थांत राज्य मे विलीनीव रण से पूर्व बीकानेर राज्य भारतीय भरप्रदेश में लफाश २७०१२ से ३० १२० उत्तर तथा देशान्तर ६२.१२९ से ७५ ४१९ पूर्व के बीच फैला हुआ था । राठीड सरदारी के आक्रमण से पु यह क्षेत्र जांगल देश के नाम से जाना जाता था। इसका सम्पूर्ण क्षेत्रफल २३ ३१७ वर्गसील था। राजपूताना वे राज्यों में क्षेत्रीय विस्तार वी दृष्टि से इसका स्पान दूसस था । चिलीनीकरण से पूर्व राज्य की सोमाएं उत्तर में पजाब के फिरोजपुर जिले उत्तर-पूर्व में हिसार जिते तथा उतर-परश्चिम में भावसपुर राज्य की सीमाओ मे मिलती थी । राज्य के दक्षिण में जोषपुर दक्षिण-पूर्वे मे और दक्षिण-पर्चिम में जेसलमेर थी रिपासतें १. में इस झोठ़ का वर्णन इस मिलता है तब्रे है शुरुपाचाला शाह्वा मार्देप जादू गला इसका ताएपं महू है हि देश से मिला हुआ पादाल देश शाह्व और मद देश ऐे मिला हुआ जंगल देश महदीभारत भीष्मपर्व घेध्याय £ श्लोक जे. जाए देश के सशण दे बंतलाये अति हैं हि जित देश जल मौर घात कम होनी हो बायूं थ एूए की प्रदाता हो बौर ब्रस्त बादि शटूत होती हो उसको जागल देश जातना चाहिए। स्वस्पोदर तूधी यस्तु प्रवाठ प्रचुर तप । समेया जंगलों देशों बहू संयुत ॥ काष्ड रे पू ० इर£ नजपसोम-कर्पच दर बशोरेरीदेंनक बरव्यमु पुल २४ मनुवाइक--जी० एवं बसा अभय जैन प्रयालंय १००० । इति० वौकतिरेदी इस्पीरिपल एडेटियर आफ इण्डिया सांग 5 पुर रबर जान दी रिलेशन्स आफ दी हादश आफ बॉरानर दिए दी मेंट्रल पास ईर इन हर नई दिस्तो १६७४ २. इस्पीरियल ग्ेटिपए सॉफ इष्छिया सगे ८ पुल रबर अरसंडकिन गर्देटिर माध पुर ०१ राजपू्ाने में जोशपूर रास्य या शंतफन सबसे अधिक ३५ ०६६ चर्पपीस था




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now