महाकवि घनानंद | Mahakavi Ghananand

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Mahakavi Ghananand  by राम वशिष्ट - Ram Vashishth

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about राम वशिष्ट - Ram Vashishth

Add Infomation AboutRam Vashishth

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
८३९) प्रचलित क्यो के श्राधार पर षनानन्द के समय का ठीके होनी सर्व सम्मति से भेहों माना गया । वाला भगवानंदीन नी कौ खोब के आधार पर धनानेनद जी का काल कक तक माना जाता है। इन्होंने म॒ुजान की चर्चा नहीं की 1 षनानन्द्‌ कै काव्य की प्रेरणा सुबान इन्होंने नहीं भागी वरन्‌ रासलीला को ही इसका श्ाघार माना है | लुला मगवानदीन जी ने भी वियोंगीदेरि के समान ही भ्रपनी खोजों का कोरे मी ग्राघार नहीं दिया | इसी कारण इनकी खोज सी विद्वानों द्वारा मान्य नहीं । श्री गी_शंमुप्रसाद बहुगुना दीन जी को खोज का श्राघार न होने के कारण वेशामिक नहीं मानते । उन्होंने अपनी पिनशआनन्द! के भ्रष्ट तीन पर इस प्रकार आलोचना की है--जिन्‍्स सवत्‌ का आधार हो सकता है शिवसिंट सरोज रहा हो । जान पड़ता है शिवसिंट सरोज के विवेचन के श्राधार पर श्र्यात्‌ यह देखकर कि १७४६ मे बने “कालिदास इज्ञाण! का जहाँ अधिक उपयोग कवियों की जीवनी ধা कविता का विवरण देते समय सेंगर ने किया है वहाँ आनन्द घन दिल्‍ली वाले के बारे में नहीं लिणो है कि हज़ारा? में इननी कविता है।इस अनुमाने से संमवत्तः पें० शेमचन्द्र शुक्ल तथा वियोगीहरि ने घनानन्द का जन्म सबत्‌ १७४६ के आस पास माना है ।? राधाकृष्णंदासजी ने घनानन्दजी को मागरीदासजी का मित्रे पठ क्रिया है। पठानौ का श्राकमण उन्होंने सम्बत्‌ श्प०४ ( सन्‌ १७४७ ‡ मे मुटम्मद- शाद के समय में लिखा है। झावतसिह ( नागगैदास ) को मुह्म्मदशाह ने उस श्राक्रमण के समय दक्ष चलाया था । जयलाल कवि के पत्र का हवाला देते हुये राधाकृष्छुदासजी घनानन्द के समम का अनुमान इस प्रकार लगाते ই ।“सावेतर्सिद ( नागरीदासजी ) ने कहा हमें जाने दीजिये, और श्रपने पुत्र संरारखसिंह उटित दिल्ली गये। घादशाह ने लड़ाई में नहीं मेडा। सम्पयतः एसी समय झानन्दघन से मित्रता हुई होगी | सन्‌ १७४८ ( सं० १८०५ ) में प्रहम्मदशाह मर ये 1 ख १८१३ मे नायरीदाख ने छुद्धम्बन्यात्रा के निमित्त ध्त्थान किमा 1 उख समय उनके साथ आनखूघनजी भी ये किन्तु जयपुर से नीर श्राप 1




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now