पंडितराज जगन्नाथ - खंड 3 | Panditraj Jagannath -Khand-iii
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
10 MB
कुल पष्ठ :
555
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(१२)
विषय पृष्ठ | विषय रषु
प्रीढोक्ति अस्कार *ছ০) वादाय धोरण व त्याची
हल्तिककार व त्यावर जगनापरायाबर झाहेली
शाख्रीय चचा ४६१ ते ४६३| प्रतिक्रिया ४७७, ४७८
प्रहेण अछकार ४६२, ४६४ उपसदार ४८०
िषादन अलकार व स्याची परिदिष्ट १७ ४८१तै४९०
विमां लना ४६४ | शन्दवोषान्या स्यरूपाची
उल्लास अल्कार ५६४। वयां
वशा अल्कार ४६५]
अंगुश अल्कार ४६५ | परिशिष्ट २२) ४९! ते ५००
तिरर लकार् घ त्याची विदिचद्रगाणि) कवा
शालय चचौ = ४६५) ४६६ | चारसवती व मीलकड
लेश अल्कार ४६७, दीपित याची तुलनात्मक
तद्गुण अलकर घ त्याची | अल्प चपि,
জগত অভন্কাযাহা ঘ জযানাঘা*্যা छादित्याचा
तुलना ४६७, ४६८ 1. उत्तरकालीन प्रथकारावर्
अतदूगुण अल्कार ४६८। _ पहरेडा प्रमा
मरि ध छामन्वि अक्र परिशिष्ट ३ रे ५०१ ते ५०३
यृ प्यास्या अनुपगानें । ममोरमाङुचमएन या एटि
उन्मीरित ये विशेषकर या मयाच् ठ मधुयदन-
दौतितोनी कॉल्लेश्या दोन হালী। जोशी योनी বউ৯
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प्रषानप्स्याय् अकारं पतिर ९ ६४० ते ५४५
रूपॉतर करण्वायें अल्कार-
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