मार्दव | Mardav
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
171
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(११)
[ धुभकामना,
शगामाचरण जुक्ल
पूर्ष प्रख्यम्रंप्री
निवास वौी-¢ उगाग्रला हिल्स, भोपाल
यह जातकर प्रसन्नता हुए कि १००64 भगवाठा थी आकिताल का पंच कल्याणक पाँतिष्ता 0वं गजरथ
महोत्सत द्िताकत र मई से 0 मई तक प्रावत्र सलिता चार्तती के वर पर बसे आष्य णर ने (लाते का
निर्णय © €
गर पर्व आशा है. ऐविहासिंक 0छवं सरणीय बनेगा। इस ज[॥भ् अतरर पर प्रकाशित स्मारिता एक
से गद के वतोर सफलता प्राप्त करेगी।
पतक 0 सफ़तता के लिए मेरी शुभ कामतराएँ आपके साथ तै।
श्यामाचरण शुक्ल
पैश नारययाग ग्रकर
राज्य मंत्री, परिततता (२५.९८ ।
412 पतै आसम
अश्यक्ष, 7.५. ससध, किक
»|) ২17) ৯
अश्यक्ष
च कल्याणक पनिष्या एतम् ०८१२६
महोत्सव, आष्टा, जिला-सौहोर (म.५. ।
(0৩ এ) ৯7),
হাহী অতি जाहाकर ধণ্লেন। (অহা হী £ कि ५००८ श्गतात श्री পারিনা নল হলনা] 11115)
एवं गजरथ महोत्सव के पराका अवसर पर स्मारिका का परकाशहा किया जा रहा है। जैठा ৮01 सपमी सो
লিওন ভটী अहिंसा पर्मी लाए: केम सदेश देता रहा हैं जो गात्रवता क्री रक्षा के लिए आतश्यक 1),
स्मारिका लैल शर्म के आवदर्शों को जता-जत्र वक पहुँचाने के लिए माश्यम कहो यही कामगा करता ৫1
आदर सहित,
प्रेम नारायण ठाकुर
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