महिला कर्मचारियों की सामाजिक एवं आर्थिक प्रस्थिति का एक समाजशास्त्रीय अध्ययन | Mahila Karmchariyon Ki Samajik Avam Aarthik Prasthati Ka Ek Samajshastriy Adhyyan

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Mahila Karmchariyon Ki Samajik Avam Aarthik Prasthati Ka Ek Samajshastriy Adhyyan by रश्मि वर्मा - Rashmi Verma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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दश्शाओं सामाजिक परिवर्तन, सम्पत्ति के अचय, व्यक्तिगत प्रयत्न, सामाजिक्ठ नियमों क्ठे पालन तथा शांस्क्तिक व्यवस्था आदि क्छे शाथ घनिष्ठ से शम्बन्धित है। (1) आर्थिक दशाएं : व्यापाए की सुविधाएं, श्रम-विभाजन तथा विश्ेषीकश्ण आदि दयी दशाएं है जिनव्ठे आधाए पए महिला समाज में एक विशेष प्रश्थिति अर्जित व्ठर सकती है। व्यापाए से वह आर्थिक क्षेत्र में आत्मनिर्भर होकठए आत्मविश्वास में वृद्धि कए शक्ठती है । विशेषीकरण तथा श्रम विभाजन व्छिशी विशेष यो०्यता वाली महिला व्हो अपनी यो०ण्यता ढिखाने का अवशए प्रदान कश्ता है और उसकी सहायता स महिला अक्सर ठच्च प्रस्थिति प्राप्त कए लेती हे । उच्च जीवन स्तए अथवा नशशैय वातावरण जहां पप पर महिला क्छो तरह-तरह की परिस्थितियों स अलुक्छरूलन करने की समस्या ठत्पन्न हयीती है, वहा मनुष्य को अमाकीकर्छ की शिक्षा प्रदान करता हे । इसकी उहायता से महिला ऊंची प्रस्थिति्यौ को प्राप्त करने मँ यौभ्य ही जाती है। (2) शामाजिक परिवर्तन : सामाजिक परिवर्तन को काशएण समाज में नवीन परिस्थितियों की आवश्यकता होती ै, जिन्हें महिलाएं अपनी योण्यतानुशाए प्राप्त क्ती हैँ । क्छोई महिला चाहे कितना शरी योण्य क्‍यों न हो, लेक्ठिन यद्वि समाज में नई-नई प्रस्थितियों की आवश्यकता महसुस न की जाये, तो महिला उन्हं किस प्रक्ठाए प्राप्त कए सकती है। प्रस्थितियों की अनुपस्थिति में उनको अजित करने का प्रश्न ही नहीं ठठता । त (3) सम्पत्ति का संचय : वर्तमान युष मेँ सम्पत्ति का संचय श्री अर्जित प्रस्थिति का महत्वपूर्ण आधार है 1 आज श्री समाजों में सम्पत्ति कहे छ्लाश उच्च प्रस्थिति को प्राप्त कर सकती है । ङसका कारण यह है कठि अम्पत्ति का संचय महिला यौष्यता क क्छ स्पष्ट माय नहीं है बल्कि ङयक द्वार वह ठच्च प्रर्थितियो से ब सम्बद्ध स युविधाएुं शी प्राप्त कर अकी है । इसके साथ ही यह ध्यान रखना




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