बरगद की बेटी | Bargad Ki Beti

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Book Image : बरगद की बेटी  - Bargad Ki Beti

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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प्रथम परिचय बरगद की बेटी के सार्वजनिक रूप से प्रकाश में आ्राने से पूव मुझे उसे जानने का अवसर मिला है। इस लिए पाठकों से उस का प्रथम- परिचय मैं करा रहा हूँ । उस का नाम लहरां है । यदि मेरा बस होता तो में उसे पाठकों के सामने इसी नाम से प्रस्तुत करता पर अश्क ने उस प्रथा का झनुकरण किया है जो सोम के दिन जन्म लेने वाली गुणवती को बरबस सोमा बनाये रखती है । पंजाबी भाषा में बरगद को बोहूड कहते हैं। बोहूड के नीचे जन्म लेने के कारण लहरां बोहड़ दी धी कहाती होगी पर काव्य हिन्दी में है इस लिए वह बरगद की बेटी बन गयी । सम्पक होने से पूव परिचय पाने में एक हानि है--इस से कौतूहल वैचिप्य श्रौर श्राकस्मिक-झ्ानन्द की स्फूर्ति कुछ धीमी और शिथिल हो जाती है पर लाभ भी परव्यास हो सकता है । इसी लिए यह परिचय है चरगद की बेटी पद्य-कहानी है । वह कविता भी है छर कहानी १३




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