श्री तीर्थकर पद प्राप्तविधि | Shri Tirthankar Pad Praptvidhi
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
319
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand){ १३ 1
॥ अपे द्वितीय বামন নিশি |
ॐ णमोसिद्धाणे यदे दसग पद है इस पकौ
बीस माला जप करके पूववत् सिद्के गर्णाकी
स्मरण पूर्वक चन्दना कः ॥ `
॥ दोहा ॥
गुण अनेत निर्मल थया, सहज स्वरुप उछास |
अष्ट क्म मल दाय कंरी, भये सिद्ध नमा तास ॥
१ समचतुस्णादि पट संस्थान गहिताय श्री
सिद्धायनमः
, वर्णादि पञ्च रहिताय श्री
३ मुम्भ्यसुर्गमगन्ध বিনা গাঁ
४ स्सादि पतच्च रसग्हिताय श्री
५ स्पर्शाय्रष्ट रहिताय श्री
६ प्रिकवेद ग्हिताय श्री
इस प्रकार सिद्धके ३९ गुणोंके स्मरण के
चोद ३१ लोगस्स का काउस्सग करे क्योंकि
सिद्धके पन्द्रह ग्रण कहेहे तथा आगे
प्रकार से बन्दना करे. जेसे
১
User Reviews
No Reviews | Add Yours...