वाग्भटालंकार | Vagbhatalankar

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Vagbhatalankar by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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বায হা टोन भाषादधीपासहित।. (१५) पमकाउदाहरण । शंकमानेर्महीपाल कारागारपिडंवनम्‌ । वदहरिभिः सपत्ीकैः श्रितं बहुविडं यनम्‌ ॥ २१॥ रीका-दे मदीपाठ सपलीकैः शंकमानिः त्रि मभिः बहुविडं ( बहुविल ) कारागारविडंवन वन भि- तम्‌ एत्यन्चयः ॥ शंकमानेः चितायुक्तेः कारागारवि- डेवन कारागार इप विडंदन केशः यत्र एवं भरतं वनं वहुविडम्‌ अर्थात्‌ बहुविल बहूनि विलानि सपांदिवास विवराणि यत्र एताइरश बने थ्ितम आश्रितम्‌ अभ दितीयपादांते चत॒यपादांते उभयत्र विडंव्न विडंवनम्‌ इति बर्णशाहश्येन यम तम डलयोमेंदाभावः ॥२१॥ अ~र महीपाल | चितायुक आपके परी सपलीफ अर्यात्‌ सीसदित एसे पनमें प्राप्त दोगये তি € সাক্ষ छिपे हैं ) निसमें अनेप सपांदिकोके घटुतसे दिल हूं और मिसमें फेद्साने जसा शद हि 1 यदं वद्विड अरात्‌ यपिर युक्त पन देसे डषणरफे यदले छफार मानकर अर्थ फिया इसका प्रयोनन यमफकी लि दि समझना जदं समानस्पर स्पेंजनॉकरके तुफ से तुफ मिल- जाय उसे यमफः कहतेंदें जैसे यहां दूसरे पदक সনি 'पिडंवन' है ओर वीमे पदे अंतमे भी ठसी प्रफार 'विडंपन' है २१॥ .... रॉ / “४




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