अनाथ | Anaath

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Anaath by राहुल सांकृत्यायन - Rahul Sankrityayan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( १६ ) ब्याह नहीं कर सका था। वह बायके धरमे २५ सालसे काम करता आ रहा था, लेकिन मजूरीमें से कुड बचा नहीं सका । बाय- से जो कुछ उसे मिलता था, उससे वह कठिनाईसे अपनी दादी फातिमा बीबी और उसकी अनाथा पोती साराके हर रॉजके खानेको जुटा पता था | फातिसा बीबी अपने पोतेकी नेकीकों नहीं मूली बायोंक खरीदकर अपनी बीवी बनानेकी इच्छा प्रगट करनेपर भी उसने अपनी पोती साराकों एक कटोरा पानीक बदले मुरादको . ब्याह उसे घर-जमाई बनाथा । द ब्याह होनेके बाद कभी-कभी ही वह बायका काम छोड़कर अपने घर जाता। जानेपर भी रात भर वहाँ रह सूर्योदयसे पहले ही स्वामीकोी सेवामें आ प्रहुँचता था । ब्याह होनेंके एक-आध साल बाद फातिमा बीबी सर गयी। उस वक्त मालिककी भेड़ोंकों वह. बयाबानमें चरा रहा था | उसे दादीक मरनेकी खबर मिली, लेकिन सदेकं पास वह पहुँच नहीं सका। जित आदमीने उसे यह खबर पहुँचायी थी, उस आदमी को मालिकक पास किसी दूसरे आदमीके सैजनेके लिये. कहकर बहुत बिनती की, जिसमें भेड़ोंकों सॉपकर वह सुदेषके पास जा सके। लेकिन बायकी ओरसे कोई नहीं आया | लाचार मुराद भेड़ोंको हॉके बायके घर की श्रोर चला श्रौर पूर्यास्तसे एक घंटा पहले, अर्थात्‌ . अतिदिनके घर आनेके समयसे एक घंटा पहले वह -वायकी हवेलीमें .. पहुचा। एशानकुल बाय हवेलीसे निकलकर शामकी नमाजके लिये . मस्जिद जा रहा था। उसने चरवाहेको आता देखकर पूछा--क्यों इतना स्वेरे मालको लोयालाधा१ 5 ` कया आपको नहीं मांखूम कि मेरी दादी हुनियासे चल बसी--. मुरादने बायके जवाबसें पूछा | রী `, : --मालुम है, लेकिन इससे क्या हुंआ, एक बुढियां मर गयी. हु मर गयी; क्या तेरे जल्दी श्रानेसे वह जी जायगी १ क्या उसके मरनेके




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