मिस्टर मानिअर विलियम्स कृपोरूपी | Mister Maniar Viliar Kraparupi

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Mister Maniar Viliar Kraparupi by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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द শী শ্শীশশ্্শী শশী শা টা শাটীিটটি द = + व রা ০০ বত হইত = ०८ 82 4 , दीवान जानी -विहार्सछाल का भाषा सस्रते याकरण ~ ` ` -{-३$ ~ थर्म कुछ अन्तर नदीं रबा जैसे घे.दो शब्द्‌ :जासीद्‌ राजा किसी, पुन्तक मजा सी हा जा किविदह.अर किती में.अआसीद्राज] -पत्येक्‌ -वाङप.के- शब्दो मे ;अन्तर उनके उच्चारण बी. सुन्दरवा- के लिये. समझते है, तो “इसमें भी कुछ अधिक प्रत्येक शब्द. अन्तर छो [के लिखा है, जेते, पितुर धनम-आदनसे प्रकहे पिः का तमे अगार या बितगं पटी रता ओर मेदी व्मञनसम्ब- হলাম তা ঘানি संस्छत में आगे लिखे ये कि पसीखनेवाला आगे बढ़ कुछ अभ्यास संस्कृत पढने ক लखन ब प्रप्र करट अक अज अश आत अपद इष एड ईर उप उच उष्‌ छण ज एष ओघ फण कित कुमरर क्षम क्षिप खुघ से छप षवन॒लिद्‌ माद्‌ गुज गृ गृ पृण पृष दकास का चित छिद छे जीवा झ्प टीद्धारः ईं ठीक णिद तापः राणः दुपा दमयः यशरषः दुराप. देष धुापिका पृत. नटः नेन परिदिनन्‌ पुषः परः पीर्पेयी गदभः पटः पाट भोगः भोजनन्‌ सुरवन्‌ मृग. भेदः मेदिनी परन्‌ रोग रेणु ॥ स्वर 3 स्यय एना <पम्‌ रुष्देषु खोड वाम. वेरम्‌ शक्‌ शोर. षर्‌ साधः टेमक्‌2 4 ~+ मन ५ कहानी संस्कृत में 0 লি উল | ১১০৫ জা ----




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